भगवान शिव को सर्वशक्तिमान भी माना गया है। भगवान शिव को प्रकृति से परे साक्षात अद्वितीय पुरुष के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वह चराचर जगत है गुरु हैं।
शिव रूप रहित जरूर हैं, मगर वे ही वह शक्ति हैं, जो सृष्टि रचना के समय ब्रह्मा का रूप धारण कर लेते हैं और प्रलय के समय साक्षात शिव के रूप में विराजमान हो जाते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि शिवरात्रि के दिन ही पर ही माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ का विवाह हुआ था, इसलिए यह दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
जानिए कहां स्थित हैं प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ : सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है।
मल्लिकार्जुन : यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है।
ओंकारेश्वर : ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध शहर खंडवा के समीप स्थित है। जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊं का आकार बनता है।
केदारनाथ : केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है। केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है।
भीमाशंकर: भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है।
काशी विश्वनाथ: विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के काशी नामक स्थान पर स्थित है। काशी सभी धर्म स्थलों में सबसे अधिक महत्व रखती है।
त्र्यंबकेश्वर: यह ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के करीब महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है।
वैद्यनाथ: यह ज्योतिर्लिंग झारखंड के संथाल परगना के दुमका नामक जनपद में है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग: यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के बाहरी क्षेत्र में द्वारिका स्थान में स्थित है।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग: यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुर नामक स्थान में स्थित है।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग: घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद के समीप दौलताबाद के पास स्थित है।