उज्जैन : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद शनिवार को उज्जैन महाकाल मंदिर में शिवलिंग की भस्मारती नए तरीके से की गई। नए नियमों के अंतर्गत ज्योतिर्लिंग पर कपड़ा लगाकर भस्म आरती की गई। शनिवार सुबह चार बजे मंदिर के पुजारियों ने ज्योतिर्लिंग को पूरी तरह कपड़े से ढंका दिया। इसके बाद भस्मारती शुरू की गई। वहीं जलाभिषेक के लिए आरओ पानी का भी इस्तेमाल किया गया। बता दें कि शुक्रवार 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल ज्योतिर्लिंग के जलाभिषेक के लिए नए नियमों को मंजूरी दी।
बता दें कि शिवलिंग का आकार छोटा (क्षरण) होने से बचाने के लिए मंदिर समिति के 8 सुझावों को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी। कोर्ट ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और याचिकाकर्ता 15 दिन के अंदर इस पर अपने सुझाव या आपत्ति दर्ज करवाने का आदेश दिया हैं। अगली सुनवाई 30 नवंबर को होनी है। आपको बता दें कि महाकाल की पूजा के लिए सुबह पंचामृत से अभिषेक होता है। फिर जलाभिषेक और भस्म आरती। रात तक 4 बार अभिषेक होता है। श्रद्धालु दिनभर में कई बार पंचामृत चढ़ाते हैं। भांग से श्रृंगार होता है।
- श्रद्धालु आधा लीटर से ज्यादा जल नहीं चढ़ाएंगे।
- अभिषेक का पानी 2016 में बनाए गए आरओ प्लांट से लिया जाएगा। इसके लिए गर्भगृह के पास कनेक्शन दिए जाएंगे।
- शिवलिंग को नमी से बचाने के लिए ड्रायर और पंखे लगाए जाएंगे। बेल पत्र व फूल-पत्ती केवल ऊपरी भाग में ही चढ़ेंगे।
- हर शाम 5 बजे जलाभिषेक के बाद गर्भगृह और शिवलिंग को सुखाया जाएगा। इसके बाद जलाभिषेक नहीं होगा। सूखी पूजा होगी।
- भस्म आरती के दौरान शिवलिंग सूखे सूती कपड़े से ढका जाएगा। अभी सिर्फ 15 दिन के लिए शिवलिंग आधा ढंका जाता था।
- भस्मारती में उपलों की राख का इस्तेमाल होता है।
- हर श्रद्धालु को 1.25 ली. दूध या पंचामृत चढ़ाने की इजाजत होगी।
- मंदिर में एक साल में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा।
- शिवलिंग पर चीनी पाउडर लगाने की इजाजत नहीं होगी। सिर्फ खांड इस्तेमाल की जाएगी।