उज्जैन : महायोगी पायलट बाबा के शिष्य जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर शैलेषानंद गिरि को सस्पेंड कर दिया है। उन्हें जुलाई महीने की शुरुआत में इंदौर के एक मॉल में किसी लड़की के साथ पैंट-शर्ट पहनकर खरीदारी करते देखा गया था।
पंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर शैलेषानंद गिरी को पद से हटाकर अखाड़े से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। हाल ही में वे इंदौर के एक शॉपिंग मॉल में पैंट-शर्ट में किसी के साथ घूमते दिखाई दिए थे। मामला संज्ञान में आने पर अखाड़े ने कार्रवाई की है। इसकी पुष्टि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने शुक्रवार को यहां मीडिया से चर्चा में की है।
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-शैलेषानंद का सांसारिक नाम शैलेष व्यास है। उनका परिवार यहां ऋषिनगर में रहता है।
-वे छात्र जीवन में मेधावी विद्यार्थी रहे। उन्होंने कोचिंग क्लास भी चलाई।
-माधव कॉलेज में पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी यूनियन से छात्र राजनीति में आए व्यास 2003 में मीनाक्षी नटराजन के साथ युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता रहे।
-इसी दौरान 2004 में उनके खिलाफ धारा 307 का प्रकरण भी दर्ज हुआ था।
-विवाहित शैलेष व्यास सिंहस्थ 2004 में महायोगी पायलट बाबा के संपर्क में आए।
-बाबा के शिष्य बनने के बाद नलखेड़ा में उन्होंने आश्रम बनाया। 12 साल बाद सिंहस्थ 2016 में 18 मई को पायलट बाबा के कैंप में ही महामंडलेश्वर के रूप में उनका पट्टाभिषेक हुआ।[/box]
हाल ही में महामंडलेश्वर शैलेषानंद गिरी (शैलेष व्यास) इंदौर के शॉपिंग मॉल (सी-21) में किसी के साथ खरीददारी करते दिखाई पड़े थे। सोशल सहित प्रिंट मीडिया में मामला सामने आने के बाद जूना अखाड़ा और अखाड़ा परिषद ने मामले की तहकीकात की। सही पाने जाने पर जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरी ने शैलेषानंद को अखाड़े से बाहर कर दिया। शैलेषानंद दो माह भी महामंडलेश्वर के पद पर आसीन नहीं रह सके। गौरतलब है कि 18 मई को पायलट बाबा के सानिध्य में जूना अखाड़े में शैलेषानंद का पट्टकाभिषेक हुआ था।
[box type=”warning” ]शैलेषानंद ने सनातन परंपरा का मखौल उड़ाया था। महंत हरि गिरि ने उन्हें महामंडलेश्वर पद से हटाकर अखाड़े से बाहर कर दिया है। यदि अब वे पद का दुरुपयोग करेंगे तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई होगी। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज, अध्यक्ष अभा अखाड़ा परिषद [/box]
[box type=”shadow” ]महंत हरि गिरी हमारे वरिष्ठ संत हैं। अखाड़े का संचालन करते हैं। उनका निर्णय सर्वोपरि है। सनातन धर्म प्रचार के लिए आजन्म कार्य करता रहूंगा। संत का जीवन आसान नहीं होता है। सांसारिक रिश्तों से नाता तोड़ चुका हूं। सनातन परंपरा की अलख जगा रहा हूं। -शैलेषानंद गिरी, बर्खास्त महामंडलेश्वर[/box]