मुंबई : राजनीति समीकरणों और संभावनाओं का खेल है, महाराष्ट्र चुनाव के अब तक आए रुझानों से यह बात फिर साबित हुई है। चुनाव से पहले बीजेपी से कम सीटों पर चुनाव लड़ने को राजी हुई शिवसेना अब उसे आंख दिखाने की कोशिश में है। 162 सीटों पर लड़ने वाली बीजेपी 101 सीटों पर ही अटकती दिख रही है, जबकि शिवसेना 64 सीटें जीतती दिख रही है। रुझानों में बीजेपी को अनुमान के मुताबिक सीटें न मिलते देख शिवसेना अब 50-50 के फॉर्म्युले को याद दिला रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवसेना सीएम पद को लेकर भी दबाव बना सकती है।
साफ है कि विधानसभा चुनाव नतीजों से महाराष्ट्र की राजनीति फिर नई करवट ले सकती है। शिवसेना से गठबंधन कर प्रचंड बहुमत की आस लगाई बैठी बीजेपी को बड़ा झटका लगा है और वह पिछले चुनावों में जीते गए सीटों से नीचे खिसकती दिख रही है। वहीं, शिवसेना को उम्मीद से अधिक सीटें मिलती दिख रही है। ऐसे में क्या ‘बड़ा भाई’ अब ‘छोटे भाई’ के दबाव को सहन कर पाएगी और शिवसेना ने ऐसे संकेत देने भी शुरू कर दिए हैं, जो बीजेपी की परेशानी बढ़ा सकती हैं।
अब तक मिले रुझानों/नतीजों से शिवसेना ने एक बार फिर बीजेपी को आंखें दिखानी शुरू कर दी हैं और सीएम पद को लेकर मोलभाव के लिए दबाव बनाती दिख रही है। इसके आसार दिखने भी शुरू हो गए हैं। शिवसेना नेता संजय राउत उद्धव से बात करने जा रहे हैं।
रुझानों को देखते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘मैं उद्धव जी से मिलने जा रहा हूं। नंबर इतने बुरे भी नहीं हैं, ऐसा होता है कभी-कभी। हां, हम (बीजेपी के साथ) गठबंधन बरकरार रखेंगे। हम 50-50 फॉर्म्युले पर सहमत हुए हैं।’
अभी तक के रुझानों में बीजेपी लगातार नीचे खिसकती जा रही हैं और पार्टी 94 सीटों पर आ गई है जबकि शिवसेना 65 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। इनके मुकाबले में एनसीपी-कांग्रेस क्रमश: 53 और 45 सीटों पर आगे चल रही है। जबकि अन्य को 31 पर बढ़त मिली है।
2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। इसमें बीजेपी को 122 सीटें और शिवसेना ने 63 सीटें जीती थीं। महाराष्ट्र में सर्वाधिक सीटें जीतने के बाद भी बहुमत के आंकड़े 145 से दूर रहने पर बीजेपी को शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बनानी पड़ी थी।