नई दिल्ली : महाराष्ट्र के पुणे में हुई भीमा कोरेगांव हिंसा का मुद्दा आज संसद के दोनों सदनों में गूंजा। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे को उठाते हुए पूछा, ‘इस हिंसा को आखिर किसने भड़काया, किसने उस कार्यक्रम में हस्तक्षेप किया। समाज में बंटवारा करने के लिए, कट्टर हिंदुत्ववादी, जो वहां आरएसएस के लोग हैं, इसके पीछे उनका हाथ है।
उन्होंने ये काम करवाया है।’ खड़गे ने मांग की कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सदन में आकर इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए। वो मौन नहीं रह सकते। इस तरह के मामलों पर वो अक्सर मौनी बाबा बन जाते हैं।
वहीं, कांग्रेस के आरोपों पर संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस बांटो और राज करो की नीति का इस्तेमाल कर रही है और सबका साथ-सबका विकास करके नरेंद्र मोदी देश को साथ ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि आग को बुझाने के बजाय, भड़काने का काम मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी कर रही है।
इसे देश बर्दाश्त नहीं करेगा। राज्यसभा में भी गूंजा मुद्दा इससे पहले राज्यसभा में कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाते हुए जबरदस्त हंगामा किया। हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही 2 बार स्थगित करनी पड़ी। इससे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल और कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल ने महाराष्ट्र हिंसा को लेकर राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। वहीं, लोकसभा में कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और बिहार के मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव ने भी महाराष्ट्र हिंसा को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित एक कार्यक्रम में दो गुटों के बीच हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। भड़की हिंसा का असर महाराष्ट्र के दूसरे इलाकों पर भी हुआ है, मंगलवार को महाराष्ट्र के कई इलाकों में बसों में तोड़फोड़ की गई है। मुंबई पुलिस की ओर से बताया गया है कि इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग इलाकों से हिरासत में लिया गया है। भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया है।