नासिक- महाराष्ट्र के मुख़्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने शनिवार रात एक जनसभा में कुछ पूजा स्थलों पर महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रही बहस पर कहा कि हिंदू संस्कृति के अनुसार लिंग या जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है और इसलिए किसी मंदिर में महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित करना उचित नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर बंबई उच्च न्यायालय में पहले ही बयान दे चुकी है और आने वाले समय में महिलाओं के मंदिरों में प्रवेश से नहीं रोका जाएगा। फडणवीस ने किसी पार्टी या नेता का नाम लिये बिना कहा कि कुछ लोग अलग विदर्भ, मराठवाड़ा और शेष महाराष्ट्र को लेकर विवाद पैदा कर रहे हैं।
मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए नासिक बांध का पानी छोड़ने पर विरोध प्रदर्शन को लेकर फडणवीस ने कहा कि राज्य में इस क्षेत्र की जनता प्यासी है, इसलिए उन्हें पानी देना हमारा कर्तव्य है। पिछली राज्य सरकार के कुछ पूर्व मंत्रियों के खिलाफ जांच की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की लड़ाई भ्रष्टाचार और भ्रष्ट प्रवृत्तियों से है। जिन्होंने राज्य का खजाना लूट लिया, सरकार उन्हें नहीं छोड़ेगी।
इस बीच यहां पंचवटी इलाके में गोदावरी नदी के किनारे जनसभा में फडणवीस ने राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन की जिले में पिछले साल लगे कुंभ मेले की व्यवस्था संभालने में भूमिका की सराहना की। महाजन नासिक के प्रभारी मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद या उज्जैन में कुंभ मेले के लिए हजारों एकड़ जमीन तीर्थयात्रियों और साधुओं के रहने के लिए होती है, लेकिन नासिक में इस आयोजन के लिए केवल 300 एकड़ जमीन उपलब्ध है।
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने 2300 करोड़ रपये की वित्तीय सहायता दी थी और 105 किलोमीटर सड़क निर्माण तथा कुंभ मेले का अन्य काम कराया था। नासिक की परियोजनाएं अन्य जगहों पर स्थानांतरित किये जाने के विपक्षी दलों के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मेक इन महाराष्ट्र’ पहल के तहत सरकार ने नासिक संभाग के विकास के लिए अनेक करारों पर दस्तखत किये हैं जहां 35000 करोड़ रपये का निवेश किया जाएगा और डेढ़ लाख लोगों के लिए रोजगार के नये अवसर पैदा किये जाएंगे।