मुंबई : एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ पवार फैमिली की तरफ से अजित पवार की मान-मनौव्वल की कोशिश और तेज हो गई हैं। एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल एक बार फिर अजित पवार से बातचीत के लिए उनके घर पहुंचे और करीब डेढ़ घंटे तक उन्हें मनाने की पूरी कोशिश की। अजित पवार से मुलाकात के बाद छगन भुजबल ने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन परिवार नहीं टूटना चाहिए, इसलिए हम सब अजीत पवार को मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
उधर, पवार परिवार अजित पवार को डेप्युटी सीएम पद से इस्तीफा देने और वापस आने के लिए लगातार मना रहा है। पवार फैमिली ने सोशल मीडिया पर अजित पवार से सत्ता से पहले परिवार को रखने की इमोशनल अपील की। सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखा कि सत्ता आती-जाती है सिर्फ संबंध मायने रखते हैं।
बता दें शनिवार बाजी पलटते हुए बीजेपी ने एनसीपी के अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली। नई सरकार में अजित पवार ने डेप्युटी सीएम पद की शपथ ली। इससे पहले एनसीपी नेता नवाब मलिक ने दावा किया कि उनके समर्थन में 54 में से 52 विधायक हैं। एक विधायक भी उनके संपर्क में है। ऐसे में अजित पवार अब अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं।
सुप्रिया सुले ने रविवार को सोशल मीडिया पोस्ट की पूरी सीरीज साझा की। सुले ने लिखा, ‘शनिवार का दिन उनकी लाइफ का सबसे कठिन रहा और उसी दिन मैंने मजबूत बनने की कसम खाई।’ उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व उनके भतीजे को मनाने के प्रयास में जुटा हुआ है। सुले ने आगे लिखा, ‘हमारे लिए एक परिवार के रूप में कठिन वक्त चल रहा है लेकिन इसी वक्त कई लोग हमारे समर्थन में आए। इतने मुश्किल वक्त में जिन्होंने हमारा साथ लिया, मैं उन सभी का धन्यवाद करना चाहूंगी।’
महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार पर मुहर लगने से चंद घंटे पहले ही अजित पवार का दांव सामने आया था। इसके बाद सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया पर एक इमोशनल पोस्ट लिखा था, ‘आप जीवन में किस पर यकीन करें… खुद को इतना ठगा हुआ पहले कभी महसूस नहीं किया.. जिसका बचाव किया.. जिसे इतना प्यार किया… बदले में देखो क्या मिला।’
बारामती से सांसद सुले ने अपने पिता और एनसीपी चीफ शरद पवार की प्रशंसा भी की। उन्होंने लिखा, ‘वह भले ही जीते या हारें लेकिन शरद पवार हर विषम परिस्थिति के खिलाफ, चाहे वह मोदी-शाह की क्रूर शक्तियां हों, अपने ही परिवार के बागियों से, या फिर अपनी उम्र या स्वास्थ्य से यह युद्ध एक असली मराठा योद्धा की तरह लड़ रहे हैं, .. कभी भी इस स्तर के दृढ़ संकल्प के बारे में नहीं सुना।’
सुले ने कहा, ‘मैंने हमेशा ईमानदारी, अखंडता, शक्ति और कड़े परिश्रम पर भरोसा किया है। हमें पूरा भरोसा है कि हम अभी भी राज्य के लोगों की बेहतर तरीके सेवा करेंगे। पथ कठिन है लेकिन लंबे समय तक कायम रहेगा।’ शरद पवार के पोते रोहित पवार ने भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अजित पवार को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा। रोहित ने अपनी, पवार, सुप्रिया सुले और अजित पवार की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘अजित दादा साहेब के हर फैसले का सम्मान करते हुए जरूर पार्टी में वापस आएंगे। परिवार के सदस्य के रूप में मुझे लगता है कि हमें साहेब के साथ रहना चाहिए।’
एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं ने भी एक बार फिर से अजित पवार शिवसेना-कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल होने और उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मनाने का प्रयास किया। एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दिलीप वल्से पाटिल के साथ रविवार दोपहर को अजित से मिले। उन्होंने अजित से उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और ‘पवार साहेब’ का हुक्म मानने का निर्देश दिया। हालांकि, अजित ने कहा कि अब उनके पीछे लौटने का कोई सवाल ही नहीं है और पार्टी को उनके साथ बीजेपी का समर्थन करना होगा।
पाटिल ने अजित से मिलने से पहले पत्रकारों से कहा, ‘हमारे लगभग सभी विधायक हमारे साथ हैं। अब सिर्फ अजित बचे हैं। हम उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं।’ एनसीपी नेताओं का कहना है कि अजित अपने कदम पीछे न खींचने की जिद पर अड़े हैं। उनका कहना है कि अगर एनसीपी पार्टी का विभाजन नहीं चाहती है तो उसे उनका समर्थन करना चाहिए। यहां तक कि वल्से पाटिल और जयंत से मुलाकात के घंटों बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं एनसीपी में हूं और हमेशा रहूंगा। शरद पवार हमारे नेता हैं। हमारा बीजेपी-एनसीपी गठबंधन महाराष्ट्र में अगले पांच वर्षों तक स्थिर सरकार देगा, जो राज्य और जनता की भलाई के लिए काम करेगा।’ उन्होंने इसके बाद फिर ट्वीट किया, ‘चिंता की कोई बात नहीं है। सबकुछ ठीक है। हालांकि, थोड़ा धीरज रखने की जरूरत है।’
एनसीपी खेमे ने रविवार को दूसरी बार अजित पवार को मनाने की कोशिश की थी। उन्हें शनिवार को भी एनसीपी में वापस आने के लिए राजी करने का प्रयास किया गया था, लेकिन उन्होंने तब भी मना कर दिया था। एनसीपी सूत्रों का कहना है कि जयंत पाटिल ने अजित पवार से कहा कि वह अपनी जिद छोड़ दें। हालांकि, अजित ने पार्टी के दोनों नेताओं से साफ कहा कि अगर एनसीपी दोफाड़ नहीं चाहती है तो उसे उनका समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शरद पवार खेमे के ज्यादातर विधायक होटल में रहने के बावजूद विश्वासमत के दौर उनके पक्ष में वोट करेंगे।