मुंबई : महाराष्ट्र में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर जारी खींचतान जारी है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से होगा। राउत ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा।
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने आज फिर कहा, ‘शिवसेना ने ठान लिया तो बहुमत मिल ही जाएगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। शिवसेना-भाजपा में चुनाव से पहले जो हुई थी उसी पर भाजपा आगे बढ़े। महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार चाहिए। महाराष्ट्र के लोगों ने 50-50 फार्मूले के आधार पर सरकार बनाने का जनादेश दिया है। वह शिवसेना का मुख्यमंत्री चाहते हैं।’
राउत ने कहा कि सरकार गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच कोई बातचीत नहीं हो रही है। भाजपा के अल्टीमेटम को लेकर राउत ने कहा कि भाजपा को कोई अल्टीमेटम नहीं, वे बड़े लोग हैं। वहीं अपने ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘साहिब, मत पालिए, अहंकार को इतना, वक्त के सागर में कईं, सिकन्दर डूब गए।’
एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा है कि उनकी पार्टी और सहयोगी दल कांग्रेस विपक्ष में बैठेंगे। पवार ने कहा कि चुनाव के परिणाम से साफ है कि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है और वह ऐसा ही करेंगे। उनकी यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब यह अटकलें चल रही हैं कि शिवसेना और एनसीपी राज्य में सरकार बनाएगी और कांग्रेस उन्हें बाहर से समर्थन देगी।
पवार ने शिवसेना और भाजपा के बीच जारी तनातनी पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा और शिवसेना सरकार के गठन पर चर्चा करके किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकती हैं।
वहीं एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि भाजपा-शिवसेना को जनता ने स्थिर सरकार बनाने का जनमत दिया है। हम चाहते हैं कि वे सरकार बनाएं और बहुमत साबित करें। अगर वे बहुमत साबित करने में नाकाम रहते हैं तो हम निश्चित रूप से सरकार बनाने की कोशिश करेंगे।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बाबासाहेब थोराट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण ने बृहस्पतिवार की सुबह में शरद पवार से मुलाकात की थी। बाद में तीनों पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने के लिए दिल्ली रवाना हो गए।
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने अपनी पार्टी को भाजपा-शिवसेना के ड्रामे में न पड़ने के लिए कहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैं फिर कहना चाहता हूं कि कांग्रेस को भाजपा-शिवसेना के ड्रामे में नहीं पड़ना चाहिए। यह फर्जी है। सत्ता में ज्यादा हिस्सेदारी हड़पने के लिए यह उनकी अस्थायी लड़ाई है। वह दोनों दोबारा साथ हो जाएंगे और हमें गालियां देंगे। कैसे कुछ कांग्रेस नेता शिवसेना को समर्थन देने की बात सोच सकते हैं? क्या उनका दिमाग खराब है।?’
भाजपा नेता सुधीर मुंगटीवार ने शुक्रवार को कहा कि यदि सात नवंबर तक सरकार नहीं बनती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। उनका यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब भाजपा-शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर खींचतान चल रही है। 24 अक्तूबर को विधानसभा नतीजे आने के बाद छह दिन बीत चुके हैं लेकिन भाजपा-शिवसेना के बीच एकराय नहीं बन पा रही है।
मुंगटीवार ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘महाराष्ट्र की जनता ने किसी एक पार्टी को नहीं बल्कि महायुति (भाजपा-शिवसेना गठबंधन) को जनादेश दिया है। हमारागठबंधन फेविकोल और अंबुजा सीमेंट से ज्यादा मजबूत है। एक निश्चित समय के अंदर नई सरकार का गठन होना जरूरी है वरना राष्ट्रपति को हस्तक्षेप करना होगा।’
महाराष्ट्र में सरकार के गठन में लगातार विलम्ब को देखते हुए भाजपा ने शिवसेना को एक नवंबर की रात तक का अल्टीमेटम दिया है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद के साथ मंत्रिमंडल में 13 स्थानों का प्रस्ताव दे चुकी है, जिस पर अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने प्रस्ताव के साथ एक नवंबर की रात तक जवाब देने का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही साफ कर दिया है कि शिवसेना की तरफ से जवाब न आने पर पार्टी अन्य विकल्पों पर विचार करेगी।