मुंबई/ नई दिल्ली : महाराष्ट्र अब राष्ट्रपति शासन की ओर जाता दिख रहा है। हालांकि डीडी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने केंद्र सरकार से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश भेज दी है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के लिए ब्राजील रवाना होने से पहले कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। कैबिनेट बैठक को महाराष्ट्र में चल रही सियासी घटनाक्रम के मद्देजनर माना जा रहा है।
ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। जिसके बाद वह ब्राजील के लिए रवाना हो जाएंगे। वहीं डीडी न्यूज के सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश कर दी गई है। पहले ऐसी अटकलें थीं कि यदि नियत समय के भीतर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को समर्थन पत्र नहीं सौंपती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
हालांकि अब खबर आ रही है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की जा चुकी है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक की बात करें तो बैठक में किस विषय पर चर्चा होगी इसका एजेंडा फिलहाल स्पष्ट नहीं है। माना जा रहा कि बैठक में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान होने वाले समझौतों को लेकर चर्चा की जा सकती है।
NCP Chief Sharad Pawar on being asked if there is a delay on part of Congress: I will talk to the Congress. #MaharashtraGovtFormation pic.twitter.com/Y5EQ6oOYuu
— ANI (@ANI) November 12, 2019
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बातचीत की और महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर आगे की चर्चा के लिए पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं को अधिकृत किया। कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ विचारविमर्श करने के लिए शाम तक मुंबई के लिए रवाना होंगे।
इससे पहले, सोनिया ने आज सुबह फोन पर पवार के साथ बात की और अपने पार्टी नेताओं से कहा कि वे मुंबई जा कर एनसीपी प्रमुख से मिलें। वेणुगोपाल ने ट्वीट किया ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज सुबह शरद पवार से बात की और अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे तथा मुझे पवार के साथ आगे की चर्चा करने के लिए अधिकृत किया।’ उन्होंने आगे कहा कि हम तीनों मुंबई जा रहे हैं और पवार से यथाशीघ्र मुलाकात करेंगे।
इससे पहले, सोनिया ने पार्टी की कोर टीम के सदस्यों ए के एंटनी तथा वेणुगोपाल के साथ अपने आवास पर विचारविमर्श किया। समझा जाता है कि अहमद पटेल ने भी सरकार गठन से जुड़े समीकरणों पर एनसीपी के साथ चर्चा की। इससे पहले खड़गे ने कहा था कि पार्टी नेतृत्व पवार से संपर्क बनाए हुए है और महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर एनसीपी के साथ आगे की बातचीत चल रही है।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन औवैसी से जब पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी शिवसेना को समर्थन देगी तो उन्होंने कहा, हमारा रुख साफ है। शिवसेना और भाजपा में कोई फर्क नहीं है। हम भाजपा या शिवसेना को समर्थन नहीं देंगे। कांग्रेस भी अपना असली चेहरा दिखा रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या कांग्रेस की तरफ से देर हो रही है तो उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस से बात करूंगा।’ जब उनसे ये पूछ गया कि क्या आज कांग्रेस और एनसीपी के बीच कोई बैठक होने वाली है तो उन्होंने कहा, ‘किसने कहा कि बैठक होने वाली है। मुझे नहीं पता।’
शरद पवार ने जहां महाराष्ट्र संकट को लेकर चुप्पी साध रखी है। वहीं उनके भतीजे अजित पवार का कहना है कि सरकार गठन को लेकर चर्चा हो रही है। उन्हें कांग्रेस की तरफ से पत्र नहीं मिला है। ऐसे में उनके अकेले पत्र देने से कुछ नहीं होगा। हाई कमान से जैसा स्गिनल मिलेगा हम वैसा करेंगे। जो भी फैसला लिया जाएगा, वह एकसाथ लिया जाएगा। सरकार बनाने में हो रही देरी पर अजीत पवार ने कहा कि हम कल कांग्रेस के का इंतजार कर रहे थे, मगर उनकी तरह से कोई जवाब नहीं आया। हम इसका फैसला अकेले नहीं लेंगे। यहां कोई गलतफहमी नहीं है। हमने एक साथ चुनाव लड़ा है और हम साथ हैं।
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत की तबीयत अचानक खराब हो गई। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद से शिवसेना सांसद अरविंद सावंत का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उनके स्थान पर प्रकाश जावड़ेकर को भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह जानकारी आधिकारिक प्रवक्ता ने दी।
मंगलवार को शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा है कि हम होंगे कामयाब। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती’- बच्चन। ‘हम होंगे कामयाब, जरूर होंगे।’
महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा, ‘राज्य में सरकार बनाना कांग्रेस की नैतिक जिम्मेदारी नहीं है। अस्थिरता के लिए हम पर किसी भी तरह का दोष लगाना व्यर्थ है। यह भाजपा और शिवसेना की गलती है जिसने राज्य को राष्ट्रपति शासन के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया है।’
महाराष्ट्र से कांग्रेस विधायक कागड़ा चांद्या पड़वी ने कहा, ‘प्रक्रिया अभी भी चल रही है, लेकिन अंतिम परिणाम सकारात्मक होगा। निजी तौर पर मेरा मानना है कि तीनों पार्टियों (शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी) को सरकार बनानी चाहिए और शिवसेना के नेता को मुख्यमंत्री पद दिया जाना चाहिए।’
शिवसेना ने राज्य में सरकार बनाने का सपना देखते हुए, अपने अड़ियल रवैये से भारी कीमत चुकाई है। सोमवार सुबह उसके मंत्री अरविंद सावंत ने नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। अब शिवसेना केंद्र सरकार से भी बाहर है और राज्य में भी न उसकी सरकार बन रही है और न ही मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल रही है। उसकी स्थिति माया मिली न राम वाली हो गई है। अब सबकी नजरें इस पर है कि क्या शिवसेना की राहें एनडीए से भी जुदा हो जाएंगी? एनसीपी ने शिवसेना के सामने रविवार को शर्त रखी थी कि अगर वह सरकार बनाने के लिए समर्थन चाहती है तो केंद्र सरकार में उसके मंत्री को इस्तीफा देना होगा और उसे भाजपा से सारे संबंध तोड़ने होंगे।
सोमवार को दिन भर तनाव में दिखने वाले भाजपा नेताओं के चेहरे शाम को शिवसेना के हाथ से खिसकी बाजी के बाद खिल गए। राज्यपाल द्वारा एनसीपी से सरकार बनाने का इरादा जानने के बाद भाजपा ने मंगलवार को टाली हुई अपनी राज्य कोर कमेटी की बैठक आनन-फानन में बुलाई। इस बैठक के बाद भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने मीडिया से कहा कि हम सारे राजनीतिक घटनाक्रम पर बारीक नजर रखे हुए हैं। हम वेट एंड वॉट की भूमिका में है। राज्य की राजनीति को लेकर कोई भी ठोस फैसला समय आन पर करेंगे।