मुंबई- महाराष्ट्र की राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद ओसमानाबाद जिले में किसानों की आत्महत्या करने का सिलसिला नहीं रुक रहा। अगस्त 2015 से अगस्त 2016 के बीच यह आंकड़ा 172 पर जा पहुंचा। महाराष्ट्र के ओसमानाबाद जिले से हैरान कर देने वाले यह आंकड़े सामने आए हैं।
दरअसल महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार पिछले साल एक स्कीम लाई थी। उस स्कीम के तहत महाराष्ट्र के जिलों को ‘जीरो सुसाइड डिस्ट्रिक्ट’ बनाना था। यानी ऐसे जिले जहां पर सुसाइड ना होता हो। उस स्कीम के तहत सबसे पहले ओसमानाबाद को ही चुना गया था। लेकिन उसका कोई फायदा होता नहीं दिख रहा।
मिले आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2014 से अगस्त 2015 के बीच ओसमानाबाद में 136 किसानों ने खुदकुशी की थी, वहीं अगस्त 2015 से अगस्त 2016 के बीच यह आंकड़ा 172 पर जा पहुंचा। यानी पिछले साल से 36 ज्यादा। ओसमानाबाद महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र का हिस्सा है। यह इलाका सूखे की चपेट में रहता है।
ओसमानाबाद वही जिला है जिसके एक गांव डोंजा को मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने गोद लिया हुआ है। इसके कलैक्टर प्रशांत नरवाने मानते हैं कि सारी कोशिशें बेकार नहीं गई हैं लेकिन फिर भी सुसाइड के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्रशांत ने बताया कि सरकार की तरफ से कोशिशें लगातार जारी हैं।
उन्होंने कहा, ‘सभी 730 गांवों में कमेटी बनाई गई है। हर गांव का सरपंच उस कमेटी का मुखिया है। सभी सरपंचों को एक लाख रुपए दिए गए हैं। सरपंचों को कहा गया है कि वह गरीब और परेशान परिवार को ढूंढकर उसकी मदद करें। इसके अलावा सरकार द्वारा गरीबों के लिए चलाई जा रही स्कीम का फायदा तो उन्हें मिल ही रहा है।’
इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार भी कांग्रेस पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रही। कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, ‘दिल्ली (केंद्र) और मुंबई द्वारा बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जाती हैं लेकिन हकीकत में उनका कुछ नहीं होता।’
वहीं इस मामले पर जब इंडियन एक्सप्रेस ने सीएम से बात करने की कोशिश की तो उनके कार्यालय ने कहा कि वह ताजा आकड़ों और नए प्लान्स के बारे में जल्द से जल्द जानकारी देंगे। [एजेंसी]