भोपाल [ TNN ] म.प्र. शासन के जी.ए.डी. विभाग द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए बनाई नीति को लागू करने की मांग कर रहे प्रदेश के दो लाख संविदा कर्मचारी दो अक्टूबर महात्मा गांधी जी की जयंती पर सामुहिक उपवास रख कर प्रदेश सरकार से जी.ए.डी. विभाग द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए बनाई गई नीति को शीध्र लागू करने की मांग करेंगें । इस अवसर पर संविदा कर्मचारियों का एक प्रतिनिधि मण्डल महात्मा गांधी जी की प्रतिमा को एक ज्ञापन भी सौंपेंगा । गौर तलब है कि विगत 16 सितम्बर से संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के द्वारा प्रदेश के दो लाख संविदा कर्मचारियो को नियमित करने के लिए चरणबद्व आंदोलन चलाया जा रहा है । जिसके पहले चरण में संविदा कर्मचारियो ंने मंत्रालय के सामने प्रदर्षन कर अपना विरोध जताया था। उसके पष्चात् प्रदेष के सभी विभागों और उनकी परियोजनाओं में कार्यरत सभी कर्मचारी 22 सितम्बर से काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं । महासंघ के प्रदेष अध्यक्ष राठौर ने बताया कि –
स्ंविदा कर्मचारियों की समस्याएंँ निम्नलिखित हैं:-
(1) संविदा कर्मचारियों की प्रतिवर्ष संविदा बढ़ाने के नाम पर वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा अवैध वसुली की जाती हैं, शरीरिक, मानसिक,आर्थिक शोषण किया जाता हैं। बिना किसी कारण के सेवा समाप्ति का भय दिखाकर अनुचित कार्य करवाये जाते हैं । बिना कारण बताओ सूचना के तथा संविदा कर्मचारी का बिना पक्ष सुने उसकी सेवा समाप्त कर दी जाती है ।
(2) संविदा और नियमित कर्मचारियों का काम समान है उसके बावजूद नियमित कर्मचारियों के समान समय- समय पर बढ़े हुये मंहगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूति, नगरक्षतिपूर्ति भत्ता नहीं दिया जाता है ।
(3) संविदा कर्मचारियों के परिवार को किसी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा नहीं दी जाती जैसे मृत्यु पर एक्सग्रेसिया, अनुकम्पा नियुक्ति, सामुहिक बीमा, या कोई आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की जाती । संविदा कर्मचारियों को लावारिस समझा जाता है ।
(4) संविदा कर्मचारी वर्षो से एक ही पद पर कार्य कर रहे हैं, किसी प्रकार की कोई पदोन्नति, क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाता ।
(5) संविदा कर्मचारियों को अर्जित अवकाष, चिकित्सा अवकाष प्रदान नहीं किया जाता यदि कोई संविदा कर्मचारी लंबी अवधी के लिए बीमार हो जाए तो उसका वेतन काट लिया जाता है ।
स्ंाविदा कर्मचारियों की प्रमुख माँगें हैं:-
(1) सामान्य प्रषासन विभाग द्वारा संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए जो नीति चुनाव के पूर्व बनाई गई थी उसको कैबिनेट में ले जाकर लागू किया जाए ।
(2) जब तक सरकार नियमित नहीं करती तब संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान और भत्ते दिये जाएं। जैसे मकान किराया भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, नगरवाहन भत्ता, ।
(3) संविदा कर्मचारियों की मृत्यु पर शासकीय कर्मचारियों की भाँति एक्सग्रेसिया, आश्रित परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति , संविदा कर्मचारी की मृत्यु पर पीडि़त परिवार को 5 लाख रूपये एक मुष्त राषि दी प्रदान की जाए ।
(4) संविदा कर्मचारियों को जब तक नियमित नहीं कर दिया जाता तब तक वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति, क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान प्रदान किया जाए ।
(5) संविदा कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों के समान अर्जित अवकाष, चिकित्सा अवकाष, और उन अवकाषों को अगले वर्ष जोड़ने की सुविधा प्रदान की जाए ।
संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने नियमितीकरण के लिए चरणबद्व आंदोलन प्रारंभ किया है । जिसके तहत् 22 सितम्बर से 20 अक्टुबर तक काली पट्टी बांध कर कार्य करेंगें । 21 अक्टुबर को पूरे प्रदेष के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्षन होगा । 27 अक्टुबर को प्रदेष के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना आयोजित किया जायेगा । 3 नवम्बर को एक दिवसयी हड़ताल की जायेगी । 10 नवम्बर को तीन दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया जायेगा तथा राजधानी भोपाल में रैली आयोजित की जायेगी । 17 नवम्बर से प्रदेष व्यापी अनिष्चित कालीन हड़ताल की जायेगी ।