देश में मूर्तितोड़ की सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। यह आलम तब है जब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह महानायकों की मूर्तियां तोड़े जाने की कड़ी निंदा कर चुके हैं। यहां तक कि वे इसे लेकर चेतावनी भी दे चुके हैं।
गुरुवार (आठ मार्च) को इसी क्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया। यह घटना केरल के कन्नूर की है, जहां थलीपारंबा इलाके में अज्ञात लोगों ने गांधी जी के चश्मे को तोड़ दिया। आपको बता दें कि त्रिपुरा में 25 सालों से माकपा सत्ता में थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत पर देश के हिस्सों में इसी के विरोध में हिंसा, मारपीट, आगजनी और तोड़-फोड़ शुरू हो गई थी।
मूर्ति तोड़ने की सियासत भी यहीं से शुरू हुई। रूसी कम्युनिस्ट नेता व्लादिमीर लेनिन, समाज सुधारक रहे पेरियार ई.वी रामस्वामी, हिंदू विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और देश के संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों पर अब तक हमले किए जा चुके हैं। वहीं, कोयंबटूर स्थित भाजपा कार्यालय पर पेट्रोल बम फेंके जाने की घटना भी इसी बीच सामने आई थी।
सबसे पहले त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति पर बुल्डोजर चला दिया गया था। फिर तमिलाडु में हथौड़े के जरिए पेरियार की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया। दक्षिण कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर स्याही फेंकी गई थी। इसके बाद मेरठ में अंबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने की खबर आई।
मवाना क्षेत्र में हुई घटना को लेकर दलितों के एक गुट ने विरोध किया। काफी हंगामे के बाद प्रशासन ने मूर्ति फिर से लगवाने का आश्वासन दिया।
पीएम ने मूर्तितोड़ कांड पर अपनी नाराजगी प्रकट की थी। गृह मंत्रालय को उन्होंने इस बारे में तलब किया और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पीएम के निर्देश पर मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की, जिसमें कहा गया था कि ऐसी घटनाओं पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।