गुवाहाटी- असम विधानसभा चुनाव में प्रचार के तहत बिलासिपारा, मंकाचर, गोलकगंज में जनसभाओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि शिक्षा-रोजगार के क्षेत्र में भारतीय मुसलमानों का पिछड़ापन सेक्युलर सियासी साजिश का खतरनाक हिस्सा है क्योंकि कांग्रेस सहित कुछ राजनीतिक दलों को लगता है कि जब तक मुसलमान अशिक्षित-गरीब नहीं रहेगा तब तक उसमें असुरक्षा की भावना पैदा कर उसका राजनीतिक शोषण नहीं किया जा सकता।
नक़वी ने कहा कि भ्रष्टाचार के ‘सेक्युलर सियासी दीमक’ ने देश के गरीब मुसलमानों की तरक्की को तार-तार किया है। पिछले पांच दशकों से धर्मनिरपेक्षता के नाम पर केंद्र और पिछले कई दशकों से असम और पश्चिम बंगाल जैसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले राज्यों में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले मुसलमानों के प्रतिशत का बढ़ना इस बात का प्रमाण है कि धर्मनिरपेक्षता की सियासत ने सबसे ज्यादा गरीब मुसलमानों का नुकसान किया है।
उन तक विकास की रोशनी ना पहुंचे, इसके लिए उनके रास्ते में धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता और बनावटी राजनीति मुद्दों की दीवारें खड़ी की जाती रहीं। नक़वी ने कहा कि आजादी के बाद से आज तक अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक विकास के लिए जितने पैसे कागजों पर खर्च हुए यदि वह जमीन पर खर्च होते तो एक भी अल्पसंख्यक गरीबी रेखा के नीचे और अशिक्षित नहीं रहना चाहिए था पर गरीबों के विकास का पैसा सत्ता के दलालों, बिचौलियों और बेईमानों की तिजोरियों की शोभा बनता रहा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद दिल्ली की सत्ता के गलियारों से सत्ता के दलालों की नाकाबंदी और लूट लॉबी की तालाबंदी हुई है और देश के गरीबों के विकास का आना-पाई ईमानदारी से खर्च हो, इसकी कड़ी निगरानी की व्यवस्था की गई है।
नक़वी ने कहा कि असम में पिछले 15 वर्षों में गरीबों के हक़ की लूट और लूट पर छूट देने वालों को बक्शा नहीं जायेगा जिन लोगों ने भ्रष्टाचार और लूट के माध्यम से गरीबों के विकास को बंधक बनाया है उन्हें इस अपराध की कड़ी सजा मिलेगी। उन्होंने असम की जनता को विश्वास दिलाया कि भाजपा समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों की सुरक्षा ,समृद्धि और सम्मान की गारंटी है। भाजपा को दिया गया वोट भ्रष्टाचार के सियासी दीमक पर गहरी चोट साबित होगा।