देश में आजकल त्यौहारों का मौसम चल रहा है। शीघ्र ही दीवाली आने वाली है तथा इस मौसम में आप अपनी त्वचा तथा बालों का विशेष रूप से ख्याल रखिएगा। शहरों में रहने वाली महिलाओं को रात्रि में अपने अंगों की साफ सफाई आवश्यक रूप से करनी चाहिए। आज कल वातावरण में रासायनिक वायु प्रदूषण, गन्दगी तथा कालिख एवं मैल विद्यमान रहती है। इन सबसे त्वचा सम्बन्धी विकार पैदा होते है। रात्रि में सभी प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन शरीर में हटा देने चाहिए क्योंकि इनसे त्वचा में रूखापन आ जाता है तथा त्वचा का प्राकृतिक अम्लीय-क्षारीय संतुलन भी बिगड़ जाता है जिससे त्वचा में चकते, मुंहासे, पफोड़े, पफुन्सियों आदि पैदा हो जाती है।
दीवाली त्यौहार के नजदीक मौसम में भी कापफी बदलाव आता है। जिससे त्वचा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। वातावरण में नमी में कमी आ जाती है तथा त्वचा में रूखापन आना शुरू हो जाता है। इसलिए त्वचा में नमी बनाए रखना अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाता है। इस मौसम में सामान्य तथा सूखी त्वचा को जैल के साथ दिन में दो बार सापफ करना चाहिए। क्लीनजर से त्वचा की हल्के तरीके से मालिश कीजिए तथा विषैले एवं गन्दे पदार्थो को गीले काॅटन वूल से हटा दीजिए।
इसके बाद त्वचा पर काॅटनवूल के मदद से गुलाब जल तथा त्वचा टानिक का प्रयोग कीजिए। दिन में घर से बाहर निकलने से पहले त्वचा पर सनस्क्रीन का उपयोग कीजिए तथा यदि आप घर के अन्दर रह रही है तो त्वचा पर माइस्चराईजर का उपयोग कीजिए। आज कल बाजार में माइस्चराईजर क्रीम तथा तरल रूप में उपलब्ध् है। रूखी त्वचा के लिए रात्रि में क्लीजिंग के बाद नरीशिंग/पौषक लगाकर इसे पूरे चेहरे पर मल लीजिए तथा बाद में काॅटनवूल की मदद से इसे सापफ कर लीजिए। जिसके बाद आप त्वचा पर सीरम लगा लीजिए। तैलीय त्वचा को भी माइस्चराईजर की जरूरत होती है।
अगर तैलीय त्वचा पर क्रीम लगाई जाए तो कील मुंहासे उभर आते है। तैलीय त्वचा में नमी प्रदान करने के लिए एक चम्मच शु( गलीसरीन में 100 मिली लीटर गुलाब जल मिलाऐं। इस मिश्रण को प्रफीज में एयरटाईट जार में रखे। इस मिश्रण को क्लीनजिंग के बाद उपयोग कीजिए। उससे त्वचा में तैलीयपन की बजाय नमी का प्रभाव आता है। त्वचा को सापफ करने के लिए दूध् या पफेशवास का उपयोग करें। पफैशियल स्क्रब से चेहरे की त्वचा में लालिमा तथा चमक आती है। हफ्रते में दो बार पफेसिय स्क्रब का उपयोग करना चाहिए। पीसे हुए बादाम या चावल पाऊडर को दही तथा थोड़ी सी हल्दी में मिलाईए।
आप इसमें सूखा तथा पाऊडर संगतरा व नींबू के छिलके मिला लीजिए। इसे चेहरे पर लगाकर चेहरे की हल्की अहिस्ता से मालिश कर लीजिए तथा बाद में कुछ समय बाद चेहरे को ताजे पानी से धे डालिए। दिन में घर में बाहर निकलने से पहले त्वचा पर सनस्क्रीन जरूर लगा लीजिए। आप अपनी त्वचा की प्रकृति के अनुसार सनस्क्रीन लोशन या क्रीम को उपयोग में ला सकती है। आपको दिन में क्रीम, पौषाहार तथा रात्रि में भी रात्रि क्रीम तथा सीरम का उपयोग करना चाहिए।
दीवाली त्यौहार अपने साथ सर्द )तु की सौगात लाती है। इस मौसम में त्वचा को रूखेपन से छुटाकारा प्रसाध्नों का उपयोग किया जा सकता है। प्रतिदिन चेहरे पर 10 मिनट तक शहद लगाईए तथा बाद में इसे ताजा स्वच्छ जल से धे डालिए। यदि आप के घर में घृतकुमारी या एलोवेरा का पौध लगा है तो इसको आन्तरिक हिस्से की पत्तियों में विद्यमान जैल को चेहरे पर नमी तथा ताजगी प्रदान करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। गाजर को रगड़कर इसे चेहरे पर 15-20 मिनट तक लगाऐ। गाजर विटामिन ‘ए’ में भरपूर मानी जाती है तथा सर्दियों में त्वचा को पौषाहार प्रदान करने में कापफी सक्षम होती है। यह सभी प्रकार की त्वचा के लिए लाभदायक मानी जाती है।
आध चम्मच शहद में एक चम्मच गुलाब जल तथा एक चम्मच सूखा दूध् का पाऊडर मिलाईए। इन सबका पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगा लीजिए तथा 20 मिनट बाद ताजे पानी से धे डालिए। यह मिश्रण सूखी तथा सामान्य दोनों प्रकार की त्वचा के लिए लाभदायक साबित होता है मेयोनेज या अण्डे का योक चेहरे पर लगाने से सभी प्रकार की त्वचा में सूखेपन से राहत मिलती है। सप्ताह में दो बार बालों को तेल से प्रसाध्न/ट्रीटमेंट करें। जैतून के तेल को गर्म करके इसे बालों तथा खोपड़ी पर मालिश करें। इसके बाद तौलिए को गर्म पानी में डुबोए तथा पानी को निचोडने के बाद तोलिए को सिर पर पगड़ी की तरह पांच मिनट तक लपेट लें। इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराएं तथा इस प्रक्रिया से बालों तथा खोपड़ी पर तेल को सोखने में आसानी होती है।
अण्डे का सपफेद हिस्सा तैलीय बालों को प्राकृतिक क्लीनजर का अद्भूत कार्य करता है था इसके प्रोटिन तत्वों से शरीर को सुदृढ करने में प्रभाव मदद मिलती है। अण्डे में सपफेद हिससे को बालों को शैम्पू करने से आध घण्टा पहला लगा लीजिए। बालों को पोषण प्रदान करने के लिए अण्डे के योक से खोपड़ी को हल्की-हल्की मालिश कीजिए तथा इसे आध घंटा तक रहने दीजिए तथा बाद में बालों को ताजे स्वच्छ पानी से धे डालिए। इससे बाल मुलायम हो जाते है तथा बालों में रंग लाने के दौरान सुलझाने के दौरान तथा लहरियादार बनाने के दौरान हुए नुकसान से भी राहत मिलती है। यदि आप दीवाली त्यौहार को यादगार बनाने के लिए घर में कड़ी मेहनत कर रही है तो आपको कुछ टिप्स कापफी मददगार साबित हो सकते है। त्यौहार में पहले आप नरव प्रसाध्न तथा पादचिकित्सा अवश्य कर लीजिए।
वास्तव में हाथ तथा पांवों को गर्म पानी में डुबोने के बाद क्रीम से मसाज कर लीजिए ताकि त्वचा कोमल तथा मुलायम बन जाए। हाथों के सौंदर्य के लिए उन्हें चीनी तथा नींबू जूस से रगड़ लें। दीवाली त्यौहार से पहले वैक्सिंग तथा थ्रेडिंग की ओर भी हल्का सा ध्यान देना न भूले। त्वचा को सापफ कीजिए। शहद को अण्डे के सपफेद पदार्थ में मिलाइए तथा इसे चेहरे पर 20 मिनट तक लगा रहने के बाद ताजे स्वच्छ लल से धे डालिए। जिनकी त्वचा अत्यध्कि खुशक है वह आध्े चम्मच शहर में शु( बादाम तेल तथा ड्राई मिल्क पाऊडर मिला ले तथा इसका पेस्ट बनाकर इसे चेहरे पर लगा लें। इस पेस्ट को आध घंटे तक चेहरे पर लगा रहने दे तथा बाद में पानी से धे डाले। चेहरे को धेने के बाद गुलाब जल में काटनवूल पैड को भिगो कर चेहरे को काटनवूल पैड से सापफ कर लें।
हाथों तथा नाखूनों के सौंदर्य के लिए बादाम तेल तथा शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर इसे नाखूनों तथा क्यूरिकल की मालिश करें। इसे 15 मिनट तक लगे रहने के बाद गीले तौलिए से धे डाले। तीन चम्मच गुलाब जल में एक चम्मच गलीसरीन तथा नींबू जूस बना लीजिए। इसे हाथो तथा पांवों पर लगाकर आध घंटा तक लगा रहने दीजिए तथा इसके बाद ताजे सादे जल से धे डालिए। यदि आपके बाल नीरस पड गए है तो उनकी शैम्पु से पहले कंडीशनर कर लें। एक चम्मच सिरके को शहद में मिलाकर एक अंडे में मिला लीजिए।
इस मिश्रण को अच्छी तरह पफेंट लीजिए तथा इस मिश्रण को अपनी खोपड़ी में लगा लीजिए तथा बाद में सिर को गर्म तोलिए से 20 मिनट तक ढांप लीजिए तथा इसके बाद बालों को ताजे ठण्डे पानी से डालिए। इससे आपके बाल चमकदार तथा सुन्दर दिखेंगे अपने बालों की चमक बढाने के लिए शैम्पू के बाद चाय में पानी तथा नींबू से खंगाल लीजिए। प्रयोग में लाई जा चुकी चाय पत्तियों को उबालकर कम से कम 4 कम चाय पानी बना लीजिए तथा इसे ठण्डा करने के बाद इसमें नींबू जूस मिलाकर इसका उपयोग कर लीजिए। लेखिका अन्र्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन के नाम से लोकप्रिय है।
प्रेषक:- गिरधारी लाल महाजन