बीफ की क्वालिटी सुधारने के लिए मलेशिया के एक राज्य की सरकार ने फैसला किया है कि अब गायों को कुरान की आयतें सुनायी जाएंगी। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि कुरान की आयतें सुनकर गायों को शांति मिलेगी और साथ ही उनके बीफ की क्वालिटी में भी सुधार आएगा।
बता दें कि मलेशिया के केलान्तन राज्य की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य चे अब्दुल्ला मत नावी ने यह आइडिया दिया है। अब्दुल्ला ने ये उम्मीद भी जतायी है कि उनका यह विचार राज्य के ग्रामीण इलाकों के किसानों द्वारा भी अपनाया जाएगा, जिससे पूरे राज्य में बीफ की क्वालिटी में सुधार हो।
केलान्तन राज्य में पैन-मलेशियन इस्लामिक पार्टी(PAS) की सरकार है। यह सरकार कट्टरपंथी मानी जाती है और पिछले दिनों भी यह राज्य उस वक्त चर्चा में रहा था, जब इस सरकार ने राज्य में कट्टर इस्लामिक नियमों को बढ़ावा दिया था।
गायों को कुरान की आयतें सुनाने का विचार देने वाले नेता चे अब्दुल्ला राज्य सरकार में कृषि मंत्री हैं। अब्दुल्ला का कहना है कि हम मानते हैं कि कुरान की आयतें पढ़ने से मन को शांति मिलती है। इसलिए यह जानवरों को भी शांति देगी जिससे हमें अच्छी क्वालिटी का मीट मिलेगा।
अब्दुल्ला ने कहा कि अगर जानवर शांत और आरामदायक स्थिति में है तो इससे बीफ की क्वालिटी में सुधार होता है। अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि ऐसा नहीं है कि सरकार की तरफ से इसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है या फिर लोगों पर कोई जोर-जबरदस्ती भी नहीं थोपी गई है, बस हमें उम्मीद है कि स्थानीय किसान ऐसा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पैन मलेशियन इस्लामिक पार्टी साल 2015 में केलान्तन राज्य में कट्टर इस्लामिक नियम हुदूद को लागू करने के कारण चर्चा में आयी थी।
बता दें कि हुदूद नियम के मुताबिक चोरी के लिए अंग-भंग करने और पत्थर मार-मारकर जान लेने जैसे तरीके अपनाए जाते हैं। हालांकि मलेशिया की केन्द्र सरकार के दखल के बाद राज्य सरकार के यह नियम हटाने पड़े थे।
मलेशिया की 60 प्रतिशत से ज्यादा यानि कि 32 मिलियन लोग मुस्लिम हैं। सामान्य तौर पर मलेशिया के मुस्लिमों को सहिष्णु माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ समय से मलेशिया में रूढ़िवादी इस्लाम का ज्यादा फैलाव हुआ है।