राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को मालेगांव ब्लास्ट केस के मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा और ले. कर्नल पुरोहित को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) से मुक्त कर दिया।
हालांकि पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा पर अब UAPA की धारा 18 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अन्य धाराओं के तहत जांच की जाएगी। इनमें 120 B, 302, 307, 304, 326 , 427 153 A जैसी धाराएं शामिल हैं।
वहीं कोर्ट ने आरोपियों की बेल को भी बढ़ा दिया है। बता दें कि सभी आरोपी बेल पर बाहर हैं ऐसे में कोर्ट के इस फैसले से उनकी यह बेल आगे भी जारी रहेगी।
मामले की अगली सुनवाई मुंबई स्थित एनआईए स्पेशल कोर्ट में 15 जनवरी को तय की गई है। कर्नल पुरोहित सहित कई आरोपियों ने खुद को बरी करने की याचिका दायर की थी जिस पर कोर्ट ने आज फैसला सुनाया।
गौरतलब है कि कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके के आरोपी थे। बम धमाके में उस समय छह लोग मारे गए थे। पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है। पुरोहित ने एटीएस पर भी उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है।
29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में हुए ब्लास्ट में चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि 79 घायल हो गए थे। शुरुआत में इस मामले में एक मुस्लिम युवक को गिरफ्तार किया गया था लेकिन महाराष्ट्र एटीएस ने पाया कि ब्लास्ट के पीछे कथित तौर पर कुछ ‘हिन्दुवादी संगठनों’ का हाथ है। इस केस के बाद ही सबसे पहले हिंदू आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल हुआ था।