2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एक गवाह ने धमाके में इस्तेमाल साध्वी प्रज्ञा सिंह की बाइक की पहचान कर ली।
माना जा रहा है कि इससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। फिलहाल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत मामले की रोज सुनवाई कर रही है।
सोमवार को सरकारी पक्ष विस्फोट में बरामद प्रमाण, टूटी-फूटी बाइक और साइकिलें लेकर आया। पहले गवाहों से दो बाइक और पांच साइकिलों की पहचान कराई गई।
‘फ्रीडम बाइक’ लोगो वाली बाइक को पहचानते हुए गवाह ने कहा कि यह विस्फोट के दिन दिखी थी।
विस्फोट में इसका अगला हिस्सा पूरी तरह नष्ट हो गया पर ढांचा सलामत है। गवाहों के बाद न्यायाधीश विनोद पाडालकर ने भी प्रमाणों को देखा।
महाराष्ट्र एटीएस ने जांच में दावा किया था कि विस्फोट में इस्तेमाल हुई बाइक साध्वी प्रज्ञा की है। गवाह की पहचान के बाद मामले में मुख्य अभियुक्त साध्वी के लिए बचाव कठिन हो सकता है।
मालेगांव ब्लास्ट, जानें कब-क्या हुआ
– 29 सितंबर, 2008 में मालेगांव में एक बाइक में बम रख विस्फोट किया गया था। इस हमले 7 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हुए थे।
-सरकार ने मामले की जांच एटीएस को सौंप दी। जांच में ‘अभिनव भारत’ संस्था का नाम आया।
– 24 अक्टूबर, 2008 को इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित सहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था। तीन आरोपी फरार दिखाए गए थे। बाद में यह जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।
– जुलाई, 2009 में स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका लगा दिया था।
– जुलाई 2010 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनवाई में सभी आरोपियों पर मकोका जारी रखने का फैसला सुनाया था।
-एनआईए ने 31 मई 2016 को नई चार्जशीट फाइल की थी। इसमें रमेश शिवाजी उपाध्याय, समीर शरद कुलकर्णी, अजय राहिरकर, राकेश धावड़े, जगदीश महात्रे, कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी उर्फ स्वामी दयानंद पांडे सुधाकर चतुर्वेदी, रामचंद्र कालसांगरा और संदीप डांगे के खिलाफ पुख्ता सबूत होने की बात कही गई थी। इसके अलावा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शिव नारायण कालसांगरा, श्याम भवरलाल साहू, प्रवीण टक्कलकी, लोकेश शर्मा, धानसिंह चौधरी के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक पुख्ता सबूत नहीं होने का दावा किया था।
-मई 2016 में कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कई अन्य आरोपियों ने खुद को इस मामले से बरी करने की याचिका दाखिल की थी।
– 25 अप्रैल, 2017 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सशर्त जमानत दे दी थी।
-23 अगस्त 2017 को कर्नल पुरोहित भी जमानत के बाद जेल से रिहा हो गए थे।
– 27 दिसंबर अप्रैल, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया और मकोका को हटाने का निर्देश दिया था।
-30 अक्टूबर 2018- कर्नल पुरोहित,साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी 7 पर आतंकी साजिश और हत्या के आरोप तय किए गए।