लखनऊ- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने नोट बंदी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को ललकारते हुए कहा कि देश की जनता से हिसाब लेने से पहले मोदी पहले अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से हिसाब मांगें। उन्होंने आरोप लगाया कि नोट बंदी के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य नेताओं के नाम से बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीद में काला धन खपाया गया।
ममता बनर्जी नोटबंदी के खिलाफ मंगलवार को गोमती नगर स्थित 1090 चौराहे पर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई। इस दौरान उनके साथ सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद किरनमय नंदा, अखिलेश सरकार के मंत्री अरविंद सिंह गोप, रविदास मेहरोत्रा और पवन पांडेय के अलावा समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
…तो क्या भाजपा के लोगों के पास सफेद धन है
इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि स्विस बैंक से कालाधन नहीं ला सकने वाले नरेन्द्र मोदी जनता की गाढ़ी कमाई छीन रहे हैं। मोदी देश की जनता से जबरदस्ती कर रहे हैं। सबको चोर बताने वाले मोदी ये बताएं कि सबके पास कालाधन है तो क्या उनके लोगों के पास सफेद धन है। देश की जनता के बीच अपने फैसले पर सर्वे कराने से पहले मोदी अपनी पार्टी के लोगों के बीच सर्वे कराएं और देखें कि उनके लोग नोट बंदी का कितना समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर मैं मोदी की जगह प्रधानमंत्री होती तो अपनी गलती स्वीकार करते हुए नोट बंदी का फैसला वापस ले लेती। मोदी ने एक हजार के बजाय दो हजार का नोट चला दिया। यदि एक हजार का नोट कालाधन है तो क्या दो हजार का नोट सफेद धन है।
बता दें कि सोमवार देर शाम ममता कोलकाता से लखनऊ पहुंची। सभा की तैयारी के लिए यहां आए टीएमसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मुकुल रॉय ने मीडियाकर्मियों से कहा कि उनकी पार्टी नोटबंदी के खिलाफ तब तक आंदोलन चलाएगी, जब तक यह जन विरोधी फैसला वापस नहीं हो जाता। लखनऊ के बाद वह बिहार, उड़ीसा, पंजाब व पूर्वोत्तर के राज्यों में जाएंगी। विरोध सभा में शामिल होने के लिए उन्होंने सपा, बसपा समेत उन सभी दलों को आमंत्रित किया है, जो नोटबंदी के खिलाफ दिल्ली में हुई बैठक में साथ थे।