मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में कम्युनिस्टों का सफाया करने के लिए ‘शेरनी’ बताया। उन्होंने कहा कि यह काम कांग्रेस और भाजपा भी नहीं कर पाई। दक्षिण मुंबई के एक होटल में ठाकरे की तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो से मुलाकात के दो दिन बाद शिवसेना का यह बयान आया है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा है, ‘‘ममता बनर्जी के कुछ रुख विवादास्पद हो सकते हैं और उनमें से कुछ शिवसेना के विचार से नहीं मिलते-जुलते होंगे। लेकिन उन्होंने अपने राज्य में कम्युनिस्टों को खत्म कर दिया जिसके खिलाफ हमेशा से शिवसेना लड़ती रही है।’’ संपादकीय में लिखा है, ‘‘शेरनी ने वह कर दिखाया जो कांग्रेस और भाजपा भी नहीं कर सकी। उन्होंने कम्युनिस्टों के 25 वर्ष पुराने शासन को खत्म कर दिया।’’
इसमें लिखा है, ‘‘ऐसा करने के लिए उन्होंने ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ नहीं की या वोट नहीं खरीदे। लोगों ने उन्हें काफी विश्वास के साथ राज्य का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी। लेकिन अब प्रयास किए जा रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में विकास रोका जाए और वित्तीय समस्याएं पैदा की जाएं।’’
इसने कहा, ‘‘राज्य की समस्याओं को और बढ़ाना और सिर्फ इसलिए इसे पीछे धकेलना ठीक नहीं है कि यह आपके विचार से मिलते-जुलते नहीं हैं। राज्य (बंगाल) भारत का हिस्सा है और इसके विकास को बेपटरी करना देश के विकास को बाधित करना है।’’
शिवसेना ने ठाकरे की वृहस्पतिवार को ममता से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि बैठक पर सवाल उठाने वालों को बताना चाहिए कि ‘‘कश्मीर में सत्ता के लिए अलगाववादियों और पाकिस्तान समर्थकों से’’ हाथ मिलाने के क्या कारण हैं।
संपादकीय में लिखा गया है, गोधरा दंगे के बाद वाजपेयी सरकार से इस्तीफा देने वाले रामविलास पासवान आज आपकी सरकार में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री हैं, जबकि कश्मीरी पंडित आज भी असहाय हैं और राम मंदिर (अयोध्या में) अभी तक नहीं बना है।