प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी 37वीं मन की बात करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ मनाई गई दिवाली को वह कभी नहीं भूलेंगें। इसके साथ ही उन्होंने देश के उन खिलाड़ियों की तारीफ की जिन्होंने पिछले दिनों अच्छा प्रदर्शन किया। मोदी ने आगे सरदार वल्लभ भाई पटेल और गुरु नानक देव का भी जिक्र किया और बाल दिवस (14 नवंबर) की पहले से बधाई भी दी।
मन की बात में मोदी ने क्या-क्या कहा
-मोदी ने बताया कि देश 4 नवम्बर को धूम-धाम से गुरु नानक जयंती मनाएगा। मोदी ने गुरु नानक देव को जगत-गुरु बताते हुए कहा कि उन्होंने पूरी मानवता के कल्याण के बारे में सोचते हुए सभी जातियों को एक समान बताया और महिला सशक्तिकरण एवं नारी सम्मान पर भी जोर दिया था।
-पीएम ने खेल में भारत के अच्छे प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि अलग-अलग खेल में हमारे खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है। इसमें उन्होंने हॉकी टीम, किदाम्बी श्रीकांत के अच्छे प्रदर्शन की बात कही। FIFA Under-17 World Cup का जिक्र कर मोदी बोले कि भले ही, भारत ख़िताब न जीत पाया लेकिन भारत के युवा खिलाड़ियों ने सभी का दिल जीत लिया।
-सरदार वल्लभ भाई पटेल का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने आधुनिक अखण्ड भारत की नींव रखी थी और देश उत्साह के साथ 31 अक्टूबर को उनकी जयंती मनाएगा। मोदी ने कहा कि पटेल की विशेषता ये थी कि वे न सिर्फ़ परिवर्तनकारी विचार देते थे, लेकिन वे, इसको कर दिखाने के लिए जटिल-से-जटिल समस्या का व्यावहारिक हल ढूंढने में काबिल थे।
मोदी ने आगे कहा कि मैं चाहूँगा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की बात सदा-सर्वदा हम लोगों के लिए प्रेरणा देने वाली हैं | उन्होंने कहा था – “जाति और पंथ का कोई भेद हमें रोक न सके, सभी भारत के बेटे और बेटियां हैं, हम सभी को अपने देश से प्यार करना चाहिए और पारस्परिक प्रेम और सद्भावना पर अपनी नियति का निर्माण करना चाहिए |”
-फिर मोदी ने सिस्टर निवेदिता का जिक्र किया जिनकी शनिवार को 150वीं जयंती थी। मोदी ने कहा कि उन्होंने निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा की और वह असाधारण लोगों में से एक थीं।
-फिर मोदी ने कहा कि सुरक्षा-बल के जवान, न सिर्फ हमारे border पर, बल्कि विश्वभर में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यूएन पीसकीपर बनकर वे दुनिया में हिन्दुस्तान का नाम रोशन कर रहे हैं। मोदी ने बताया कि भारत के संविधान की प्रस्तावना और यूएन चार्टर की प्रस्तावना, दोनों ‘वी द पीपल’ इन्हीं शब्दों के साथ शुरू होती है, लेकिन भारत ने नारी समानता पर जोर देते हुए ‘ऑल मेन आर बोर्न फ्री एंड एक्वल’ को बदलवाया और ‘आल ह्मूमन बींग्स आर बोर्न फ्री एंड इक्वल’ करवाया।
-मोदी ने कहा कि इस बार भी दिवाली उनके लिए विशेष अनुभव लेकर आई। फिर मोदी सीमा पर तैनात सुरक्षाबलों के साथ मनाई गई दिवाली का जिक्र करते हुए बोले कि यह उनके लिए कभी ना भूलने वाला अनुभव रहा। मोदी ने कहा कि सीमा पर जिन कठिन और विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए हमारे सुरक्षाबल देश की रखवाली करते हैं उस संघर्ष, समर्पण और त्याग के लिए, मैं सभी देशवासियों की तरफ़ से हमारे सुरक्षा-बल के हर जवानों का आदर करता हूं। जहां हमें अवसर मिले, जब हमें मौका मिले- हमारे जवानों के अनुभव जानने चाहिए, उनकी गौरवगाथा सुननी चाहिए |
-मोदी ने कहा कि यह दिखता है कि आज युवा, बड़े-बूढ़े, महिलाएं, हर आयु वर्ग के लोग खादी और हैंडलूम को पसन्द कर रहे हैं और इससे बुनकर, हथकरघा पर काम करने वाले परिवारों को लाभ हो रहा है।
– मोदी ने कहा कि वह खादी की वकालत करते रहे हैं और इसका परिणाम हुआ कि इस महीने 17 अक्तूबर को ‘धनतेरस’ के दिन दिल्ली के खादी ग्रामोद्योग भवन स्टोर में लगभग एक करोड़ बीस लाख रुपये की रिकॉर्ड बिक्री हुई है।
-छठ को याद करते हुए मोदी ने कहा कि हमारे देश में सबसे अधिक नियम निष्ठा के साथ मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। जिसमें खान-पान से लेकर वेशभूषा तक, हर बात में पारंपरिक नियमों का पालन किया जाता है। छठ-पूजा का अनुपम-पर्व प्रकृति से और प्रकृति की उपासना से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। सूर्य और जल, महापर्व छठ की उपासना के केंद्र में हैं, तो बांस और मिट्टी से बने बर्तन और कंदमूल, इनकी पूजन-विधि से जुड़ी अभिन्न सामग्रियां हैं। आस्था के इस महापर्व में उगते सूर्य की उपासना और डूबते सूर्य की पूजा का सन्देश अद्वितीय संस्कार से परिपूर्ण है।