मंडला – मंडला – मंडला जिले की नवागत कलेक्टर श्रीमति सूफिया फारूकी वली ने कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी का पदभार ग्रहण करने के बाद बुधवार को पहली बार पत्रकारों से रूबरू हुई। श्रीमति सूफिया फारूकी वली ने 24 को जून को बतौर मंडला कलेक्टर पदभार ग्रहण किया था। श्रीमति सूफिया फारूकी 2009 बैच की आई ए एस अधिकारी हैं। इससे पूर्व वे लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में उप सचिव के पद पर पदस्थ रहीं। उन्होंने मंडला से रीवा स्थानांतरित हुई कलेक्टर श्रीमति प्रीति मैथिल का स्थान लिया।
कलेक्टर ने गिनाई अपनी प्राथमिकता –
पदभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से मुखातिब होते हुए नवागत कलेक्टर ने अपनी प्राथमिकता बताई। उन्होंने कहा कि अभी वो 2 जुलाई को वृहद स्तर पर होने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम पर फोकस किये हुई है। गुणवत्तायुक्त बेहतर वृक्षारोपण के प्रयास किये जा रहे है। जिले के निर्धारित लक्ष के मुताबिक अगले 2 दिनों में पौधों की आपूर्ति कर ली जाएगी। इसके बाद पौधों के देखरेख व निगरानी भी सुनिश्चित की जाएगी जिससे अधिक से अधिक पौधों को जीवित रखा जा सके। पिछले वर्ष जिले के कुछ हिस्सों में बाढ़ से हुई तबाही से सबक लेते हुए वे इससे निपटने ठोस कार्य योजना तैयार कर रही है।
शहर में हो रही जलभराव की स्थिति को भी वो नियंत्रित करना चाहती है। लोगों को पेयजल उपलब्ध करना, बेहतर स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधा के साथ – साथ शासन की योजनाओं को बेहतर ढंग के क्रियान्वित कर वाजिब लोगों को उसका लाभ पहुँचाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। उनका लक्ष है कि अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को भी शासन की योजना का लाभ पहुँचाया जा सके। पत्रकारवार्ता के दौरान पत्रकारों के नगर पालिका की कार्यप्रणाली, जिला चिकित्सालय की लचर व्यवस्था, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ सुविधा का आभाव, दूषित पेय जल, बेतरतीब यातायात, बिजली की समस्या, निजी स्कूलों की मनमानी सहित कई मुद्दों पर कलेक्टर का ध्यान आकर्षित कराया। कलेक्टर ने सभी मुद्दों को ध्यान से सुना और उनके निराकरण का भरोसा दिलाया।
जिले की पांचवी महिला कलेक्टर बनी है श्रीमति फारूकी –
यदि मंडला में लेडीज कलेक्टर्स के इतिहास पर नज़र डाले तो पता चलता है कि स्थिरता के हिसाब से मंडला उनके लिए मुफीद नहीं रहा है। किसी भी महिला कलेक्टर ने मंडला में लंबी पारी नहीं खेली है। तो वहीं इसके विपरीत मंडला में पुरुष कलेक्टर लम्बी पारी खेल चुके है। श्रीमती फारुखी के पहले 4 महिला कलेक्टर्स में 2 केवल कुछ महीने ही रही। 2 अन्य एक – एक साल ही पूरा कर सकी। यही वजह है कि नवागत महिला कलेक्टर के पदभार ग्रहण करने के साथ ही उनके कार्यकाल को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई। कुछ लोग उम्मीद जता रहे है कि श्रीमति फारूकी मंडला में महिला कलेक्टर के कम समय रहने का मिथक तोड़ते हुए लम्बी पारी खेलेगी तो कुछ इतिहास का हवाला देते हुए अलग नजरिया रखे हुए है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे कब तक मंडला की कमान संभाले रखती है।
यह है मंडला कलेक्टर्स की हिस्ट्री –
मंडला के जिला बनने के बाद वर्ष 1860 से जिले में कलेक्टर्स के बैठने का सिलसिला शुरू हुआ। 1860 के बाद से श्रीमति सूफिया फारूकी वली 99वीं कलेक्टर है, जबकि आजादी के बाद के कलेक्टर्स में उनकी गिनती 47वे नंबर पर है। 1860 में कैप्टन वैडिंग्टन मंडला के पहले कलेक्टर रहे है। 1860 से 1875 तक केवल अंग्रेज अधिकारीयों ही कलेक्टर के रूप पदस्थ किया जाता रहा है। 1876 से अंग्रेज अधिकारियों के साथ – साथ भारतीय आईसीएस अधिकारीयों भी बतौर कलेक्टर बनाया जाने लगा।
आजादी के बाद 15 अगस्त 1947 से पदभार ग्रहण करने वाले पहले कलेक्टर रहे एम डी सगने। जिले के इतिहास में श्रीमति सूफिया फारूकी वली के पहले और आजादी के बाद से केवल 4 महिला कलेक्टर को ही जिले की कमान मिली है। 1974 में श्रीमती शशि जैन करीब 4 माह तक मंडला की कलेक्टर रही है। उनके बाद 1989 में श्रीमति सुरंजना रे करीब 7 माह तक मंडला की कलेक्टर रही। जिले की तीसरी महिला कलेक्टर सुश्री स्वाति मीणा रही।
2012 में जिले की कमान संभालने वाली सुश्री स्वाति मीणा पूरे एक साल मंडला कलेक्टर रही। जिले की चौथी कलेक्टर श्रीमति प्रीति मैथिल ने अप्रैल 2016 में कमान संभाली और जून 2017 में उनका स्थानांतरण हो गया। इस तरह वो करीब 14 महीने मंडला कलेक्टर रही। अब देखना होगा कि श्रीमति फारूकी, श्रीमति प्रीति मैथिल से ज्यादा मंडला कलेक्टर रहकर एक नया रिकॉर्ड बना पाती है या वो भी अन्य महिला कलेक्टर की तरह जल्द मंडला को अलविदा कह देती है।
@सैयद जावेद अली