मंडला- मध्य प्रदेश के मंडला जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम भण्डारताल में 3 मई मिले 2 कंकाल के मामले में पुलिस न सिर्फ अज्ञात कंकालों के बारे में पता लगाने में कामयाब हुई है बल्कि उसने आरोपी को भी धर दबोचा है। इन दो कंकाल की शिनाख्त नैनपुर थाना क्षेत्र के धमनगांव निवासी प्रीती बाई और उसकी डेढ़ वर्षीय बेटी शिवानी के रूप में हुई।
आरोपी ने पहले एक महिला से सम्बन्ध बनाया जब वह गर्भवती हो गई और आरोपी का उससे मन भर गया तो वह उसे छोड़कर भाग गया और अपने ही गाँव एक नाबालिग लड़की से इश्क़ लड़ाने लगा। इसी नाबालिग के इश्क़ के चक्कर में उसने माँ – बेटी निर्मम हत्या कर दी।
पुलिस अधीक्षक आनंद प्रकाश सिंह ने बताया कि कंकाल के पास एक अधजला बैग मिला था जिसमे एक पर्ची पर एक मोबाइल नंबर लिखा था। इस पर कॉल करने और बैग में मौजूद कपडे दिखने के बाद परिजनों ने इनकी शिनाख्त की थी। मृतिका प्रीती के परिजनों ने पुलिस को बताया कि इसी वर्ष 25 मार्च को वह अपने बेटी को लेकर हीरादास बैरागी के साथ गई थी। हीरादास बैरागी की मुलाक़ात भूसावल महाराष्ट्र में काम करने के दौरान प्रीती से हुई थी।
इस दौरान एक ही जिले के होने के नाते इनकी नजदीकियां वढ्ने लगी और सम्बन्ध बन गए। जब प्रीती गर्भवती हो गई तो हीरादास उसे छोड़कर भाग गया। प्रीती अपने घर आ गई और यही उसने अपनी बेटी को जन्म दिया। इसी बीच प्रीती, हीरादास का पता लगाती रही जैसे ही प्रीती को हीरादास का नया मोबाइल नंबर मिला उसने हीरादास बैरागी को कॉल कर उसे अपने साथ रखने का दबाव बनाया और ऐसा न करने पर उसने पुलिस में शिकायत करने की धमकी भी दी। पुलिस के डर से हीरादास बैरागी उसे लेने उसके घर पहुंचा जहां प्रीती का पूरा परिवार उसे बस तक छोड़ने गया।
हीरादास पुलिस के डर से प्रीती को अपने साथ तो ले गया लेकिन उसे अपनी नई नाबालिग प्रेमिका की भी चिंता थी जो उसके ही गाँव की थी। योजनाबद्ध तरीके से वह प्रीती को अपने साथ तो ले गया लेकिन घर ले जाने के बजाये उसने जंगल में ही पत्थर पटक कर उनकी हत्या कर दी और लाश को घने जंगल में झाड़ियों से छिपा दिया। साक्ष्य छिपाने के मकसद से बैग में भी आग लगा दी। दोहरी हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपी हीरादास बैरागी अपने नाबालिग प्रेमिका को लेकर गाँव से भाग गया जिसकी शिकायत कोतवाली में दर्ज थी।
पुलिस के मुखबिर की सूचना पर आरोपी हीरादास बैरागी को देवदरा से गिरफ्तार किया और उसके पास से नाबालिग लड़की को भी बरामद किया। पुलिस ने जब उससे कड़ाई से पूंछ ताछ की तो उसने न सिर्फ अपना जुर्म कुबूल किया बल्कि पूरी वारदात को तफ्सील से सुनाया भी। पुलिस का कहना है कि पूर्व में आरोपी पर अपने ही पिता की हत्या का आरोप लगा था जिस पर वह तीन माह तक जेल में बंद था लेकिन परिजनों द्वारा अपने बयानों से पलट जाने पर वह बरी हो गया था।
फिलहाल ये आरोपी धारा 302, 201 के तहत पुलिस की गिरफ्त है। इस अंधी दोहरी हत्याकांड का खुलासा करने में पुलिस अधीक्षक आनंद प्रकाश सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओंकार कलेश, एसडीओपी एस एन पाठक, कोतवाली थाना प्रभारी सतीश सिंह, उप निरीक्षक राजेंद्र पाठक, बी के पण्डोरिया, कृष्णा उइके, प्रधान आरक्षक अवधेश तिवारी व स्टाफ का उल्लेखनीय योगदान रहा। #हत्याकांड
@सैय्यद जावेद अली