बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती के मौके पर दलित समुदाय के लोग मोदी सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर करने से नहीं चूके।
गुजरात के कुछ हिस्सों में दलित संगठनों ने बीजेपी नेताओं द्वारा बाबा साहेब की प्रतिमा को छूने के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया।
वडोदरा में जब केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और अन्य बीजेपी नेताओं ने अंबेडकर की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दे दी, इसके बाद दलित समुदाय के कुछ लोगों ने अंबेडकर की प्रतिमा को दूध और पानी से साफ किया।
एक दलित नेता ने कहा कि बीजेपी नेताओं की उपस्थिति ने अंबेडकर की प्रतिमा और पूरे वातावरण को प्रदूषित कर दिया था।
बाबा साहेब की प्रतिमा का शुद्धीकरण
बता दें कि महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और बीजेपी नेताओं ने सुबह करीब 9 बजे वडोदरा में बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था। उनके चले जाने के बाद दलित नेताओं ने प्रतिमा को पानी और दूध से शुद्ध किया।
मेनका के साथ बीजेपी सांसद रंजन बेन भट्ट और विधायक योगेश पटेल भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। जीईबी सर्कल इलाके में दलित समुदाय ने बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी भी की।
मेनका गांधी के पहुंचने से पहले गुजरात बीजेपी के SC/ST सेल के के नेताओं ने घेराव भी किया था। दलित समुदाय ने नारेबाजी करते हुए बीजेपी नेताओं के श्रद्धांजलि स्थल से चले जाने का दबाव भी बनाया।
दलित नेता ने बताया कि वे लोग बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देने के लिए बीजेपी नेताओं से पहले आए थे, इसलिए पहले श्रद्धांजलि देने का हक उन्हें था। लेकिन पुलिस ने उन्हें अंबेडकर की प्रतिमा पर फूल नहीं चढ़ाने दिया। इस वजह से वे नाराज हुए।
वहीं अहमदाबाद में अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे बीजेपी सांसद किरीट सोलंकी को जिग्नेश मेवाणी के समर्थकों का विरोध झेलना पड़ा। दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवाणी ने अपील की थी कि बीजेपी नेताओं को बाबा साहेब की प्रतिमा हाथ भी नहीं लगाने दिया जाए।