वाराणसी- गंगा यहाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शनिवार को गंगा का वाटर लेवल 71.72 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि डेंजर लेवल 71.26 मीटर है। डीएम विजय किरन आनंद के मुताबिक, पानी के बढ़ाव की रफ्तार 1.5 सेमी प्रति घंटा हो गई है। यहाँ हालात ये है की छतों पर हो रही गंगा आरती। गंगा के डेंजर लेवल पार करने के बाद कई इलाकों में पानी भर गया है।
विश्व विख्यात मणिकर्णिका घाट के महाश्मशान और हरिश्चंद्र घाट डूब गए हैं। यहां अंतिम संस्कार किए जाते हैं। ऐसे में अब अंतिम संस्कार गलियों में किए जा रहे हैं। कहा जाता है कि मणिकर्णिका घाट विश्व का इकलौता ऐसा श्मशान घाट है, जहां 24 घंटे अंतिम संस्कार होता है।
ऐसा कहा जाता है कि मां पार्वती मृत आत्मा को खुद आंचल में लेती हैं और भगवान शंकर तारक मंत्र देकर मोक्ष प्रदान करते हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए कॉलोनियों और गलियों में बोट चलाई गईं। यहाँ बाढ़ से अभी तक करीब 10 हजार लोग प्रभावित हुए हैं।
यहां का वॉर्निंग लेवल- 70.262 है। डेंजर लेवल- 71.262 और अब तक हाइएस्ट लेवल- 73.901 (साल 1978) में रहा है। काशी में 84 घाट हैंं। सभी डूब गए हैं। गंगा का जल स्तर बढ़ने से करीब 70 से 75 इलाके प्रभावित हैं। इसमें करीब 30 गांव शामिल हैं। गंगा में वाटर लेवल बढ़ने पर वरुणा नदी के आसपास के इलाकों पर भी असर पड़ा है। यहाँ भी हजारो लोग प्रभावित हुए हैं। 2000 घरों में पूरी तरह से पानी भर गया है।
एडीएम सिटी विन्ध्यवासिनी राय और एसडीएम सदर आर्यका अखौरी ने बताया कि हर जरूरी इंतजाम किया गया है। विकास भवन में बाढ़ कंट्रोल रूम बनाया गया बना है, जिसका नंबर 0542-2502562 है। – 22 चौकियां बनाई गई हैं। साथ ही 20 नाव चलाई जा रही हैं।
बाढ़ से प्रभावित 1000 लोगों को छात्रावास में ठहराया गया है। एडीएम सिटी विन्ध्यवासिनी राय ने बताया, गंगा के खतरे के निशान के पास पहुंचते ही शहर और आसपास के इलाकों को अलर्ट कर दिया गया है। हरिश्चंद्र घाट पर बने इलेक्ट्रिक क्रिमेशन को गुरुवार दोपहर 12 बजे एहतियातन बंद कर दिया गया।
रिपोर्ट:- चाणक्य त्रिपाठी