नई दिल्ली- गोवा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के बाद भाजपा के लिए अगली चुनौती मणिपुर में सरकार बनाने की थी। भाजपा ने आज ( 20 मार्च) को फ्लोर टेस्ट पास कर लिया है। भाजपा विधायक बिरेन सिंह को विश्वास मत मिल चुका है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एक निर्दलीय और एक तृणमूल कांग्रेस विधायक के साथ भाजपा के विधायकों ने गुरुवार से एक होटल में शरण ले रखी थी, जहां रणनीतियों पर विचार चल रहा था।
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विधायकों को होटल में रखने के पीछे वजह बताई जा रही थी कि शहर में अगर वे रहेंगे तो उन्हें भ्रमित किया जा सकता था। हालांकि इस बात पर भाजपा विधायक थोकचोम राधेश्याम ने संडे एक्सप्रेस से कहा था, ”ऐसा नहीं है कि कांग्रेस द्वारा भ्रमित किए जाने के डर से विधायकों को एक जगह रखा गया है, हम लोग यहां थोड़ा आराम करने और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रणनीतियां बनाने के लिए रुके हैं।”
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दरअसल, 11 मार्च को घोषित चुनाव परिणामों में मणिपुर की 60-सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस 28 सीटों के साथ अव्वल स्थान पर रही थी, और बीजेपी को सिर्फ 21 सीटें मिल पाई थीं, लेकिन कांग्रेस के अलावा अन्य विधायकों के समर्थन के दावों के साथ बीजेपी ने भी सरकार गठन का दावा पेश किया था, जिसे राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने मान लिया, और उन्हें न्योता दे दिया। इसके बाद बुधवार, 15 मार्च को बीजेपी नेता एन बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और एनपीपी नेता यूमनाम जयकुमार सिंह को डिप्टी सीएम के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
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बीरेन सिंह को पिछले सोमवार (13 मार्च) को सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया था और उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
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इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री बीरेन ने मणिपुर की सेवा करने का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेतृत्व का आभार जताया था। बीरेन सिंह को सरकार बनाने का निमंत्रण उस दिन दिया गया था, जब एनडीए में शामिल नगा पीपुल्स फ्रंट के चार सदस्यों ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार गठन के लिए बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा की। [एजेंसी]