जयपुर : संघ विचारक मनमोहन वैद्य आरक्षण को लेकर दिए गए अपने बयान से पलट गए हैं। उन्होंने कहा हैं कि मैंने कहा था जब तक समाज में भेदभाव है तब तक आरक्षण रहेगा। संघ आरक्षण के पक्ष में है। आपको बता दें कि जयपुर में हो रहे लिट्रेचर फेस्टिवल में उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा था कि उन्होंने कहा था कि आरक्षण खत्म होना चाहिए। मनमोहन वैद्य के अनुसार आरक्षण से अलगाववाद बढ़ता है। उन्होंने कहा था कि सबको समान अवसर मिलना चाहिए और साथ ही सभी को समान शिक्षा मिलनी चाहिए। इससे पहले मनमोहन वैद्य ने अक्टूबर 2014 में अल्पसंख्यक शब्द की बार-बार चर्चा पर निराशा जताई थी और कहा था कि कोई भी अल्पसंख्यक नहीं है, सभी हिंदू हैं। वैद्य के इस बयान पर काफी विवाद भी हुआ था।
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इस फेस्टिवल में आरएसएस के नंबर तीन प्रचारक दत्तात्रेय होसबोले भी आए हैं। इसके अलावा वसुंधरा राजे ने भी इस फेस्टिवल में हिस्सा लिया है। वहीं उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और के सच्चिदानंदन को इस फेस्टिवल में आने का न्योता नहीं दिया गया। इस पांच दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत गीतकार गुलजार, ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं।
आपको बता दें कि इस फेस्टिवल में राजनीति, साहित्य और मनोरंजन जगत की कई बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया है। गीतकार गुलजार ने जयपुर शहर और यहां के लोगों को खूबसूरत कहा।
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इस बार दसवां जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल हो रहा है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है। यह 5 फेस्टिवल दिनों तक चलेगा। इस फेस्टिवल की शुरुआत 2006 में हुई थी। उस समय इस फेस्टिवल में कुल 2500 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।
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आपको बता दें कि जयपुर में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में दुनियाभर के जाने-माने कलाकार, लेखक, नोबल पुरस्कार विजेता, बुकर-पुलित्जर पुरस्कार विजेता हिस्सा लेते हैं। यही कारण है कि इस फेस्टिवल को साहित्य का महाकुंभ भी कहा जाता है।