महाराष्ट्र में मूक मोर्चे के बाद अब मराठा आंदोलन हिंसक हो गया है। आंदोलनकारी सूबे के अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को एक युवक ने गोदावरी नदी में कूद कर अपनी जान दे दी।
वहीं, परभणी में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया। बस फूंके जाने से कई यात्री घायल हो गए, जिन्हें परभणी के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मराठा क्रांति मोर्चा ने आज महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। जिसका असर दिखना शुरू हो गया है।
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एक 28 वर्षीय युवक काका साहेब दत्तात्रय शिंदे औरंगाबाद के सिल्लोड तालुका स्थित कयगांव टोक में गोदावरी नदी में कूद गया। शिंदे गंगापुर तालुका के कानडगांव का निवासी था। उसे नदी से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया।
डीएम उदय चौधरी ने कहा कि सरकार मृतक काकासाहेब शिंदे के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देगी। साथ ही उनके छोटे भाई को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। उधर मृतक के परिजनों ने मुख्यमंत्री फडणवीस के इस्तीफे की मांग करते हुए शव कब्जे में लेने से मना कर दिया है।
वहीं, परभणी में बस फूंके जाने की घटना में पुलिस ने दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है। कहा जा रहा है कि मराठा आंदोलन में सूबे के ही कुछ नेताओं ने बयान देकर आग में घी डालने की कोशिश की है जिससे युवा उग्र हो उठे हैं।
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री फडणवीस पर मराठों को गुमराह करने का आरोप लगाकर चिंगारी भड़का दी है।
16 प्रतिशत आरक्षण चाहते हैं मराठा
मराठा समाज अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण चाहते हैं। इसको लेकर पिछले साल मराठा समाज ने तकरीबन हर जिलों में मूक मोर्चा निकालकर सरकार को चेतावनी दी थी लेकिन, अब इस मांग को पूरा करने के लिए विरोध प्रदर्शन और रैलियों का सिलसिला तेज हो गया है। फिलहाल, मराठा आरक्षण का मामला बांबे हाईकोर्ट में लंबित है।
परंपरा टूटी, मुख्यमंत्री ने घर में की विठ्ठल की पूजा
सोमवार को आषाढ़ी एकादशी थी। इस दिन परंपरागत तौर पर सूबे के मुख्यमंत्री भगवान विठ्ठल-रुक्मिणी की पूजा करते हैं मुख्यमंत्री की पूजा के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाता है।
लेकिन, प्रदर्शनकारियों की धमकी के चलते मुख्यमंत्री ने पत्नी अमृता फडणवीस के साथ मुंबई में वर्षा स्थित अपने घर में पूजा की।