रियो डी जनेरियो- ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जारी पैरालम्पिक खेलों में पुरुषों की ऊंची कूद टी-42 स्पर्धा में भारतीय एथलीट मारियप्पन थांगावेलु ने स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा मारियप्पन के हमवतन और ऊंची कूद एथलीट वरुण सिंह भाटी ने इसी स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया।
इस स्पर्धा में जहां एक ओर मारियप्पन ने 1.89 मीटर की कूद लगाई। वहीं, भाटी ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 1.86 मीटर की कूद लगाई।
अमेरिका के सैम ग्रेवे ने इस स्पर्धा में रजत पदक जीता। इस स्पर्धा में 12 में से छह एथलीटों के बीच कड़ी टक्कर देखी गई। हालांकि, मारियप्पन ने भाटी के साथ मिलकर बढ़त हासिल की। इस स्पर्धा में हिस्सा लेने वाले भारतीय एथलीट शरद कुमार कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए और पदक दौड़ से बाहर हो गए। उन्हें छठा स्थान हासिल हुआ।
मारियप्पन और भाटी के साथ अमेरिका के ग्रेवे ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया और आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन भारतीय एथलीटों ने वापसी करते हुए पदक हासिल किए। ग्रेवे ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर भाटी को पछाड़ते हुए रजत पदक पर कब्जा जमाया और भाटी को कांस्य पदक हासिल हुआ।
मरियप्पन थांगावेलू ने 1.89 मी. की जंप लगाते हुए सोना जीता, जबकि भाटी ने 1.86 मी. की जंप लगाते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया। वह मुरलीकांत पेटकर (स्वीमिंग 1972 हेजवर्ग) और देवेंद्र झाझरिया (भाला फेंक, एथेंस 2004 ) के बाद गोल्ड जीतने वाले तीसरे भारतीय हैं।
तमिलनाडु सरकार ने ऐलान किया है कि वह गोल्ड मेडल विजेता मरियप्पन थांगावेलू को दो करोड़ रुपये इनाम स्वरूप देगी।
दोनों भारतीय खिलाडि़यों ने रियो पैरालिम्पिक्स में गोल्ड और कांस्य पदक जीतकर करोड़ों हिंदुस्तानियों को झूमने का मौका दे दिया है। जबकि रजत पदक अमेरिका के सैम ग्रेवी को मिला। उधर, भारत के ही संदीप भाला फेंक कांस्य जीतने से चूक गए और वह चौथे स्थान पर रहे।
थांगावेलू और भाटी की इस सफलता के बाद अभी तक के सभी पैरालिम्पिक्स खेलों में भारत के कुल पदकों की संख्या 10 हो गई है जिसमें 3 स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य शामिल है। [एजेंसी]