जबलपुर : इस बार 29 मार्च को होली है। इसके लिए बाजार अभी से सजकर तैयार है। बाजारों में आकर्षक पिचकारियों के साथ ही तरह-तरह के मुखोटे भी उपलब्ध हैं। जो बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं, लेकिन कोरोना के कारण इनकी कुछ खास मांग नहीं है। पिछले साल तक तो इनकी अच्छी खासी मांग दी, लेकिन इस बार दुकान संचालकों का कहना है कि इस बार बहुत खास रौनक नहीं देखने को मिल रही है।
लोग कोरोना को लेकर डरे हुए हैं, इसका असर व्यापार पर भी देखने को मिल रहा है। इस बार बहुत ज्यादा माल नहीं मंगवाया है। महंगाई भी इस बार 20 फीसदी तक बढ़ गई है। कोरोना को देखते हुए हर्बल रंगों को उपलब्ध कराया जा रहा है लोग इन्हें ही लेना पसंद कर रहे हैं।
टैंक, पेंसिल पिचकारी के साथ हैं कई अन्य वेरायटी है खास:
बाजार में बच्चों के लिए कृष, मिकी माउस, शेर, लोमड़ी, खरगोश, शक्तिमान के साथ डोरेमोन, एंग्री बर्ड जैसी कई अन्य आकर्षक पिचकारियां उपलब्ध हैं। जो बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। इनके साथ ही टैंक और गन पिचकारी की भी कई सारी वेरायटी उपलब्ध हैं। लोगों के बजट का ध्यान रखते हुए तरह-तरह की पिचकारियां मिल रही हैं, लेकिन इस बार इनकी कीमतों में काफी इजाफा हुआ है। 20 रुपए से लेकर पांच सौ रुपए तक की पिचकारियां मिल रही हैं।
प्राकृतिक रंगों की है मांग:
आम तौर पर लोग प्राकृतिक रंगों को लेना ही पसंद करते हैं, लेकिन कोरोना के कारण लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग हो गए है, एक यह भी वजह है कि लोग प्राकृतिक रंगों को ही खास तवज्जों दे रहे हैं। लोग इस समय रंगों से बचना चाह रहे हैं, लेकिन बच्चों की जिद के कारण लोग रंगों को ले तो रहे हैं, लेकिन वे सिर्फ प्राकृतिक रंगों को ही पसंद कर रहे हैं। दुकान संचालक मुकेश जायसवाल ने बताया कि कोरोना के कारण व्यापार पर खास असर देखने को मिल रहा है। होली को लेकर जिस तरह का उत्साह लोगों में देखने मिलता था, इस बार वैसी बात नहीं है। सामान भी बहुत कम मंगवाया है क्योंकि ज्यादा मांग नहीं है। लोगों की पसंद का ध्यान रखते हुए प्राकृतिक रंगों के साथ ही कई अन्य रंगों की वेरायटी भी उपलब्ध कराई जा रही है।