खंडवा : मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त किया जा रहा है। इसके लिए डेढ़ हजार शिक्षक ट्रेनर के रूप में रहेंगे। इनमें वे शिक्षाविद् व विशेषज्ञ शामिल होंगे जो पढ़ाई की नई तकनीक प्रदेश भर के शिक्षकों को समझाएंगे। इनके लिए तीन सर्वसुविधायुक्त सेंटर बनाए जा रहे हैं। खंडवा जिले के आवलिया, पचमढ़ी और एक अन्य सेंटर तय किया जाना है।
शिक्षा मंत्री विजय शाह ने बताया कि मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूली शिक्षा व्यवस्था अपटूडेट की जाएगी। इसमें डेढ़ हजार शिक्षक प्रदेश भर के शिक्षकों को बारी-बारी से प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षण 500-500 के ग्रुप में दिया जाएगा। शिक्षा की गुणवत्ता को तकनीकी बनाने के लिए बड़े पैमाने पर इस तरह के कार्यक्रम किए जाएंगे। इससे शिक्षकों के पढ़ाने की गुणवत्ता में निखार आएगा। निजी और बड़ी स्कूलों की शिक्षा का तरीका भी कुछ हिस्से तक अपनाया जाएगा तो इसमें कोई बुराई नहीं है। जरूरी यह है कि मध्यप्रदेश के स्कूली शिक्षकों के पढ़ाने की गुणवत्ता सुदृढ़ हो। इसके लिए कुछ भी करना पड़े तो हम हर सुझाव पर गौर करेंगे।
जिन स्थानों पर प्रशिक्षण होगा वहां शिक्षकों के लिए सारी सुविधाएं रहेंगी। प्रदेश भर के शिक्षक बारी-बारी से यहां आकर प्रशिक्षण लेंगे। समयावधि अभी तय नहीं की गई है। मास्टर ट्रेनरों को भी खोजा जा रहा है। शिक्षकों और ट्रेनरों के रहने, भोजन और दैनिक जरूरी कार्यो की सुविधा भी रहेगी। इनका शेड्यूल काफी टाईट रहेगा। सुबह 6 बजे से ही दिनचर्या शुरू हो जाएगी। नाश्ते, भोजन की भी गुणवत्ता वाली व्यवस्था रहेगी। इसमें नियम और कायदे कड़क इसलिए बनाए जा रहे है कि यह व्यवस्था अनुशासित रहे और शिक्षक अपने स्कूलों में जाकर इसी का पालन करवाएं।
शिक्षा व्यवस्था के लिए मंत्री श्री शाह मुस्तैद हैं। उनका कहना है कि जो बच्चे दसवीं और बारहवीं में फेल हो जाते हैं वे या तो मनोबल गिरा बैठते हैं या फिर गलत लाईन की ओर मुड़ जाते हैं। शिक्षा मंत्रालय का काम केवल शिक्षा देना नहीं बल्कि इन युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे का कत्र्तव्य भी है। इसलिए ओपन स्टाईल का कोर्स व परीक्षा चलाई जा रही है।
इसमें यदि कोई बच्चा दसवीं या बारहवीं में फेल होता है तो उसके लिए विशेष सुविधाएं रहेंगी। जितने भी विषयों वह फेल हुआ है उनकी परीक्षा साल में तीन बार ली जाएगी। वह पास नहीं होता तब तक उन विषयों में मौका दिया जाएगा। बाद में पास का प्रमाण पत्र विशेष दर्जे का दिया जाएगा। इससे होगा यह कि बच्चे आत्महत्या की ओर अग्रसर नहीं होंगे, देश के विकास में योगदान देंगे। उनकी योग्यता निखारने का काम शिक्षा विभाग करेगा। अभी तक ऐसा नहीं होने से गलत लाईन में बच्चे मुड़ जाते थे और नुकसान खुद के अलावा पालकों का भी कर बैठते थे। श्री शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान डायनामिक पर्सन हैं। वे सबका भला चाहते हैं। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास लगातार कर रहे हैं।