महामंडलेश्लर स्वामी कन्हैया प्रभुनंदन गिरी को आमंत्रित नहीं किए जाने से बहुजन सामजावादी पार्टी की मुखिया मायावती बेहद नाराज है। बसपा सुप्रिमों मायावती की मांग है कि दलित महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनंदन गिरि को भूमि पूजन में आमंत्रित किया जाना चाहिए। इन दिनों सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव हैं।
नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम जन्मभूमि के भूमि पूजन में शामिल होंगे। वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भूमि पूजन कार्यक्रम में लोगों की संख्या को सीमित रखा गया है। भूमि पूजन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती किया जाएगा। वहीं इस भूमि पूजन में मेहमानों की संख्या भी सीमित रखी गई है। ऐसे में अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन के लिए प्रयागराज के महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनंदन गिरि को आमंत्रित नहीं किया गया है।
महामंडलेश्लर स्वामी कन्हैया प्रभुनंदन गिरी को आमंत्रित नहीं किए जाने से बहुजन सामजावादी पार्टी की मुखिया मायावती बेहद नाराज है। बसपा सुप्रिमों मायावती की मांग है कि दलित महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनंदन गिरि को भूमि पूजन में आमंत्रित किया जाना चाहिए। इन दिनों सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव हैं। उन्होंने ट्वीट कर महामंडलेश्वर स्वामी गिरी को भूमि पूजन कार्यक्रम में न बुलाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है।
मायावती ने दो ट्वीट किए हैं और लिखा कि दलित महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनंदन गिरि की शिकायत के मद्देनजर यदि भूमिपूजन समारोह में अन्य 200 साधु-संतों के साथ उनको भी बुलाया गया होता तो बेहतर होता। मायावती ने लिखा कि इससे जातिविहीन समाज बनाने की संवैधानिक मंशा पर कुछ असर पड़ सकता था।मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि जातिवादी उपेक्षा, तिरस्कार और अन्याय से पीड़ित दलित समाज को इन सब में पड़ने के बजाए अपने विकास और उद्धार पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलना चाहिए।