भोपाल को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी के बीच महापौर आलोक शर्मा ने धमकी दे दी है कि सरकार को पहले मेरे दो टुकड़े करना होंगे।
महापौर के इस बयान के बाद भोपाल नगर निगम के बंटवारे को लेकर राजनीति एकदम गर्मा गयी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राजधानी के हित में लिए जा रहे एक अच्छे फैसले को महापौर राजनीति के चश्मे से देख रहे हैं।
भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी के बीच भोपाल मेयर आलोक शर्मा ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा अगर सरकार दो नगर निगम बनाकर भोपाल के दो हिस्से करना चाहती है तो उससे पहले सरकार को उनकी लाश के दो हिस्से करना होंगे। बीजेपी सरकार के इस फैसले का लगातार विरोध कर रही है।
पार्टी नेता कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। महापौर आलोक शर्मा का आरोप है कि भोपाल का बंटवारा धर्म के आधार पर किया जा रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
भोपाल नगर निगम में पार्षदों की कुल संख्या 85 है। इसमें से 55 भाजपा और 29 पार्षद कांग्रेस के हैं। जब से कांग्रेस सरकार ने निगम के दो हिस्से करने का ऐलान किया है, भाजपा तभी से लगातार इसका विरोध कर रही है। बार-बार नेताओं ने यह तर्क दिया है कि भोपाल इतना बड़ा शहर नहीं है कि उसके लिए दो नगर निगम की जरूरत हो।
25 सितंबर को कमलनाथ सरकार ने‘मध्य प्रदेश नगर पालिका विधि संशोधन अध्यादेश, 2019’को मंजूरी दी। इसके तहत महापौर और अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ना होकर उसी अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा जो 74वें संशोधन से पहले होता था।
पार्षदों की ख़रीद-फरोख़्त बढ़ेगीभाजपा का कहना है कांग्रेस हार के डर से ऐसा कर रही है। इस प्रक्रिया के तहत पार्षदों की खरीद-फरोख्त होने की आशंका बढ़ जाएगी।
इससे पार्षदों की खरीद-फरोख्त की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है।अभी प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों में भाजपा के ही महापौर हैं।अधिकांश नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी भाजपा के ही अध्यक्ष हैं।
प्रत्यक्ष चुनावों में ज्यादातर निकायों में भाजपा के ही महापौर और अध्यक्ष चुने जा सकते थे लेकिन अब अप्रत्यक्ष चुनाव में पार्षदों की खरीद-फरोख्त की आशंका बढ़ जाएगी।
नगर निगम बंटवारे के सरकार के फैसले के खिलाफ बीजेपी ने हस्ताक्षर अभियान चलाया था। पार्टी ने राज्यपाल को हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौंपा था। उसके बाद 6 नवंबर को भोपाल के सभी वार्डों में मशाल जुलूस निकाला गया था।
बीजेपी के विरोध को नज़रअंदाज कर सरकार ने भोपाल नगर निगम के बंटवारे की प्रक्रिया दोबारा शुरू कर दी है। इससे पहले भोपाल कलेक्टर की ओर से निगम बंटवारे पर जनता से दावे और आपति मांगे गए थे।
उसके बाद सरकार ने मंजूरी लिए प्रस्ताव को राज्यपाल को भेजा। अगर राज्यपाल इस पर मंजूरी दे देते हैं तो भोपाल दो नगर निगम में बंट जाएगा। भोपाल को पूर्वी और पश्चिमी दो नगर निगम में बांटने की तैयारी है।