नई दिल्ली – त्यौहारों के मौसम में मुंबई में मीट बैन को लेकर सियासत गरमा गई है। मांस और गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध की लहर मुंबई के बाद राजस्थान से लेकर अहमदाबाद तक फैल गई है। जैन समुदाय के आज से शुरू हो रहे जैन धर्म के पर्व पर्युषण के लिए आधिकारिक रूप से घोषणाएं कर दी गई हैं।
अहमदाबाद के कमिश्नर की इस घोषणा के बाद लोग आधिकारिक बूचड़खानों के बाहर और किसी निजी अथवा सार्वजनिक स्थान पर जानवरों का वध नहीं कर सकेंगे। आदेश का उल्लंघन करने वाले को धारा 188 (पुलिस अधिसूचना का उल्लंघन) के तहत दंडित किया जाएगा। हालांकि अधिसूचना में बूचड़खानों के भीतर पशु वध पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।
महाराष्ट्र से शुरू हुआ यह विवादित मसला देश के हिस्सों में फैल गया जब राजस्थान, जम्मू कश्मीर और अहमदाबाद में भी इसी तरह के निर्देश जारी किए गए। हालांकि मुंबई में इस मुद्दे पर खींचतान बढ़ने के बाद बंबई हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि मांस की बिक्री पर रोक व्यवहारिक नहीं है।
राजस्थान सरकार ने 17, 18 और 27 सितंबर को त्यौहारों, जिनमें कुछ जैन समुदाय से संबंध हैं, के मौके पर मांस और मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि तमाम नगर निकायों को जारी एक परिपत्र में राज्य सरकार ने मांस विक्रेताओं से कहा है कि वह 17 सितंबर को ‘पर्यूषण’ (जैन व्रत), 18 सितंबर को संवतसरी (जैन पर्व) और 27 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर अपनी दुकानें बंद रखें और मांस एवं मछली की बिक्री न करें। यह आदेश बूचड़खानों पर भी लागू होगा।
जम्मू कश्मीर में उच्च न्यायालय ने गौमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया, जिसपर जमात-ए-इस्लामी और पृथकतावादी हुर्रियत कांफ्रेंस जैसे संगठनों और स्थानीय लोगों ने रोष प्रकट किया। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने कहा है कि वह इस फैसले को चुनौती देगा।
इसी तरह अहमदाबाद में आयुक्त शिवानंद झा ने जैन समुदाय के पर्यूषण पर्व की एक सप्ताह की अवधि के दौरान आज से गायों और बकरियों जैसे पशुओं के वध पर रोक लगाने का आदेश दिया है। जैन समुदाय 10 सितंबर से 17 सितंबर के बीच पर्यूषण पर्व मना रहा है।