नई दिल्लीः उत्तराखंड के देहरादून में बीत 8 अप्रैल को एक किसान ने जहर पीकर जान दे दी। जहर पीने के बाद 65 वर्षीय किसान ईश्वर चंद शर्मा को गंभीर स्थिति में अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। टाईम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने सोमवार को बताया, “हरिद्वार जिले के ददकी गांव में रहने वाले किसान के पास से सुसाइड नोट बरामद किया गया है, जिसमें उसने लिखा था ‘भाजपा को वोट न दें’। भाजपा सरकार ने बीते पांच साल में किसानों को बर्बाद कर दिया। कोई उन्हें वोट न दें अन्यथा वे सभी को चाय बेचने पर मजबूर कर देंगे।” पुलिस इस पत्र की सच्चाई की जांच कर रही है।
सुसाइड नोट में शर्मा ने आरोप लगाया कि एक बिचौलिए ने बैंक से उसे पांच लाख रुपये लोन दिलवाने में मदद की और फिर वह ब्लैकमेल कर रहा था। किसान ने कहा कि बिचौलिए ने बैंक लोन दिलाने के दौरान गारंटर के रूप में हस्ताक्षर करने के दौरान साइन किया हुआ एक ब्लैंक चेक छिपा लिया था। बैंक लोन चुकता करने के बाद बिचौलिया उसके खाते से पैसे निकालने की धमकी दे रहा था, जो उसने फसल बेचने के बाद जमा किए थे।
लक्सर स्टेशन हाउस ऑफिसर वीरेंद्र सिंह ने बताया, “शुरूआती जांच में यह पता चला है कि मृतक किसान ने बिचौलिए के माध्यम से बैंक से पांच लाख रुपये कर्ज लिया था। किसान ने अपने सुसाइड नोट में यह आरोप लगाया है कि बिचौलिए पूरे मामले के समझौते के एवज में 4 लाख रुपये की मांग कर रहा था।” सुसाइड नोट के बारे में पूछे जाने पर पुलिस ऑफिसर ने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि यह पत्र खुद किसान ने लिखा है या नहीं?
इस बीच कांग्रेस ने किसान की आत्महत्या को लेकर भाजपा के उपर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि पिछले 2 साल में 17 किसानों ने आत्महत्या कर ली। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धसमना ने कहा, “यह दुखद है कि जिस समय नरेंद्र मोदी अपने घोषणापत्र में किसानों के लिए मुआवजे का ऐलान कर रहे थे, उस समय गलत नीतियों की वजह से एक किसान को आत्महत्या करना पड़ा।” हालांकि, भाजपा प्रवक्ता देवेंद्र भसीन ने इस आरोप को खारिज किया है।