श्रीनगर- जम्मू कश्मीर हुरियत कांफ्रैंस (जी) चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने पुलिस द्वारा उनके सैमिनार को नाकाम करने को राज्य आतंकवाद का सबसे बुरा रूप करार देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उनके सहयोगियों ने शायद ‘गंगा स्नान’ कर लिया है क्योंकि वह जम्मू कश्मीर में आर.एस.एस. एजेंडे को लागू करने के लिए ‘मोहरों’ की तरह काम कर रहे हैं।
एक बयान में गिलानी ने कहा कि शांतिपूर्ण राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की नीतियों के गंभीर परिणाम होंगे और यदि पुलिस की यह गुंडागर्दी जारी रही तो कड़ी प्रतिक्रिया सामने आएगी।गिलानी ने आज एक सैमिनार आयोजित करने का आह्वान किया था।
उन्होंने कहा कि यह एक शैक्षिक प्रकार का समारोह था जिसका आयोजन बंद दरवाजों के भीतर किया जा रहा था।वहीं, हुरियत (जी) प्रवक्ता अयाज अकबर ने कहा कि सैमिनार से न तो कानून व्यवस्था स्थिति बिगड़ जाती और न ही यातायात प्रणाली प्रभावित हो जाती।उन्होंने कहा कि पुलिस ने पूरे इलाके और हैदरपुरा में तहरीक-ए-हुरियत कार्यालय को घेर लिया तथा लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
अकबर ने कहा कि हुरियत नेताओं और कार्यकर्ताओं जो प्रस्तावित सैमिनार में भाग लेने के लिए आए थे, ने बाद में एयरपोर्ट रोड़ पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग किया जिसमें दर्जनों कार्यकर्ता घायल हो गए। इसके अलावा कई लोगों को गिरफतार किया गया और पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया गया।