नई दिल्ली : केंद्र सरकार की तरफ से उन खबरों पर प्रतिक्रिया दी गई है जिसमें यह दावा किया गया था कि जम्मू कश्मीर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। मंत्रालय ने इन खबरों को सिरे से नकारा दिया है। विश्व के कुछ मीडिया संस्थानों खासकर पाकिस्तान की मीडिया ने दावा किया था कि आर्टिकल 370 के हटने के बाद श्रीनगर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां तक कहा गया था कि इन प्रदर्शनों में करीब 10,000 लोग शामिल हैं।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से ट्विटर पर आधिकारिक बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है, ‘कुछ ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स आ रही हैं जिसमें दावा किया जा रहा है कि श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है जिसमें 10,000 लोग शामिल हैं। ये रिपोर्ट्स पूरी तरह से गलत और मनगढ़ंत हैं।’ बयान में आगे जानकारी दी गई है, ‘श्रीनगर और बारामूला में कुछ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और इनमें शामिल लोगों की संख्या 20 से ज्यादा नहीं है।’
MHA Spokesperson: There are media reports claiming there was a protest involving 10,000 people in Srinagar.This is completely fabricated & incorrect. There have been a few stray protests in Srinagar/Baramulla and none involved a crowd of more than 20 people pic.twitter.com/fesONQ3xhX
— ANI (@ANI) August 10, 2019
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की ओर से जारी रिपोर्ट में शुक्रवार को 10,000 लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन की बात कही गई थी। इस रिपोर्ट में एक पुलिस ऑफिसर और एक प्रत्यक्षदर्शी का हवाला दिया गया था। पुलिस ऑफिसर ने इस रिपोर्ट में बताया था कि श्रीनगर के शूरा इलाके में लोगों को हुजूम इकट्ठा हुआ था। इस समूह ने धारा 144 का उल्लंघन किया था और इसकी वजह से पुलिस को एक्शन लेना पड़ा। पुलिस ने आइवा ब्रिज से लोगों को वापस धकेला था। यहां पर आंसू गैस के गोले और पैलेट गन फायर करने की बात भी रॉयटर्स ने अपनी खबर में लिखी थी। प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से न्यूज एजेंसी ने लिखा था, ‘कुछ महिलाएं और बच्चे तो बचने के लिए पानी में कूद गए थे।’ पुलिस ऑफिसर के हवाले से रॉयटर्स ने लिखा था कि करीब 10,000 लोग शूरा में इकट्ठा थे और यह अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन था।