भोपाल : मध्यप्रदेश सरकार के महिला और बाल विकास विभाग ने प्रदेश में दुष्कर्म पीड़िताओं को बंदूक का लाइसेंस देने का प्रस्ताव रखा है। इसके पीछे विभाग की मंत्री अर्चना चिटनीस का तर्क है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर इंतजाम करना जरूरी है। जो भी इसकी पात्र होंगी उन्हें लाइसेंस दिया जाएगा, लेकिन प्राथमिकता दुष्कर्म पीड़िताओं को मिलेगी। हालाकि अभी इस प्रस्ताव पर आम राय बनना बाकी है।
विभाग का तर्क यह भी कि सभी दुष्कर्म पीड़िताओं को हर समय सुरक्षा दे पाना मुमकिन नहीं होता। कई बार देखने में आया है कि आरोपी अगर जमानत पर रिहा होता है तो पीड़िता को धमकाने की कोशिश की जाती है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बंदूक का लाइसेंस दिया जाना जरूरी है।
एमपी दुष्कर्म में फिर देश में अव्वल
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो( एनसीआरबी) के आंकड़ों ने फिर मध्यप्रदेश को शर्मसार कर दिया है। एनसीआरबी की 2016 की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए हैं, उसमें मध्यप्रदेश दुष्कर्म के मामले में पहले स्थान पर है। वर्ष 2016 के दौरान प्रदेश में 4882 मामले दर्ज किए गए, जो वर्ष 2015 के मुकाबले 12.5 प्रतिशत अधिक हैं।
दुष्कर्म के मामलों में उत्तरप्रदेश दूसरे नंबर पर है, जहां 4816 मामले दर्ज किए गए। यह वर्ष 2015 के मुकाबले 12.4 प्रतिशत अधिक हैं। तीसरा नंबर महाराष्ट्र का आता है, जहां 10.7 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 4189 मामले दर्ज किए गए।
अपराध में उप्र अव्वल रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश अपराध के मामले में पूरे भारत में सबसे टॉप पर है। उत्तर प्रदेश में अकेले पूरे भारत के 9.5 प्रतिशत अपराध हुए हैं। जबकि मध्य प्रदेश 8.9 प्रतिशत के साथ दूसरे, महाराष्ट्र 8.8 प्रतिशत के साथ तीसरे और 8.7 प्रतिशत के साथ केरल चौथे नंबर पर है।
हत्याएं भी यूपी में सबसे ज्यादा-
उत्तर प्रदेश में हत्या की घटनाएं भी सबसे ज्यादा हुई हैं। यहां 4,889 हत्याएं हुईं, जो ऐसे कुल मामलों की 16.1 फीसदी है। उत्तर प्रदेश के बाद पिछले वर्ष हत्या की सबसे ज्यादा 2,581 (8.4 फीसदी) घटनाएं बिहार में दर्ज की गईं। महिला अपराध 2.9 प्रतिशत बढ़े इसी के साथ महिला अपराध में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में 2015 की तुलना में महिला अपराध में 2.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। उत्तर प्रदेश में पूरे भारत से 14.5 प्रतिशत (49,262) महिला अपराध से जुड़े मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर है, जहां महिला अपराध के 9.6 प्रतिशत (32513) मामले दर्ज किए गए हैं।