हरदा : मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन मंत्री और हरदा जिले के प्रभारी मंत्री लालसिंह आर्य शनिवार को नर्मदा नदी को एक असुरक्षित नाव पर अपने शासकीय वाहन समेत नाव पर सवार होकर पार किया। मप्र के सामान्य प्रशासन मंत्री लालसिंह आर्य शनिवार को भोपाल से कार द्वारा हरदा जिले के छीपानेर गांव पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने सीहोर जिले के ग्राम चोरसाखेड़ी से अपनी लाल बत्ती की गाड़ी समेत नाव में सवार होकर नर्मदा नदी को पार किया। इस दौरान ना तो मंत्री आर्य ने सुरक्षा जाकेट पहनी और ना ही उनके सुरक्षाकर्मी ने, वही दूसरी और शासन के आला अधिकारियों ने भी इस और ध्यान देना उचित नहीं समझा।
जन आंदोलन का रूप ले चुकी है नर्मदा सेवा यात्रा
उल्लेखनीय है कि जिस स्थान से मंत्री जी नर्मदा नदी पार कर रहे थे। वहां पानी इतना अधिक गहरा है कि यदि कोई हादसा घटित हो जाता तो किसी के भी बचने की संभावना न के बराबर होती। चिंता की बात तो यह भी थी की जिस वक्त मंत्री जी नाव पर सवार होकर आंनद ले रहे थे उस दौरान दोनों और के किनारों पर कोई भी गोताखोर अथवा बचाव दल कर्मी मौजूद नहीं था।
सिंधिया ने कसा तंज “बीजेपी को रेत पसंद है”
जबकि नदी को पार करने के दौरान कई हादसे पूर्व में हो चुके है। जब सुरक्षा नियमो को बनाने वाले खुद ही इस तरह से नदी पार करते हैं, तो फिर आम आदमी का तो कहना ही क्या।
नर्मदा किनारे बने मंदिरों का ऐतिहासिक महत्व नहीं !
इस बाबत जब सुरक्षा नियमो को ताक पर रखकर नदी पार करने के बारे में मंत्री आर्य से सवाल किया गया तो उनके द्वारा आनंद और शीघ्रता को कारण बताते हुए कहा कि माँ नर्मदा के आँचल को पार करते समय सुरक्षा की चिंता हम से ज्यादा माँ को होती है। प्रभारी मंत्री आर्य के इस बयान से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार के मंत्री सुरक्षा को लेकर कितने सजग है। मंत्री आर्य हरदा जिले के छीपानेर के पास चिचोट कुटी में बनने वाले संस्कृत विद्यालय के भूमि पूजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आगमन की तैयारियों का जायजा लेने आये थे।