इस्लामाबाद- भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में हिस्सा लिया। यह सम्मेलन पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित किया गया था। सुषमा ने कहा कि हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन अफगानिस्तान में हालात सुधारने के लिए आयोजित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत पूरी तरह से अफगानिस्तान की मदद करने को तैयार है। जिस वक्त सुषमा इस सम्मेलन में बोल रही थीं उस दौरान पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ भी वहां मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ व्यापार क्षेत्र में हाथ मिलाने के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में हार्ट ऑफ एशिया में पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि अफगानिस्तान के दुश्मन पाकिस्तान के दुश्मन हैं। उन्होंने दुनिया के सभी देशों से अफगानिस्तान में शांति के प्रयास शुरु करने की अपील की। साथ ही उन्होंने आतंकवाद को दुनिया का दुश्मन बताया है।
उन्होंने कहा कि हम पड़ोसियों से शांतिपूर्ण और अच्छे रिश्ते चाहते हैं। विकास के लिए शांति जरूरी है। अफगानिस्तान एक लोकतांत्रिक देश है और हमारा पड़ोसी है। हम वहां शांति और विकास चाहता हूं। दुनिया को अफगानिस्ता में शांति लाने के लिए पाकिस्तान के प्रयासों की मदद करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों के खिलाफ जर्ब ए अज्ब ऑपरेशन चलाया, जिसके अच्छे नतीजे निकले। हम अफगानिस्तान में लंबे वक्त तक शांति के लिए कोशिश कर रहे हैं क्योंकि आतंकवाद तो सबका दुश्मन है। आपको बता दें कि आज शाम साढ़े 4 बजे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच मुलाकात होगी।
अगला हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस 2016 में भारत में
अगला हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस वर्ष 2016 में भारत में होगा। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हार्ट पांचवें ऑफ एशिया सम्मेलन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद गईं हैं। भारत अगले साल छठवें हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस्लामाबाद पहुंचने पर सुषमा स्वराज ने कहा है कि वे शांति का संदेश लेकर आईं हैं।
हार्ट ऑफ एशिया प्रक्रिया वर्ष 2011 में अफगानिस्तान और तुर्की की पहल पर गठित हुई थी। प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान और इस क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति और स्थायित्व और साथ ही प्रगति और विकास को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क को बढ़ाना है।