लखनऊ- स्कूल छोड़ चुके अल्पसंख्यक युवाओं को पढ़ाई और रोजगार से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने नई पहल की है। ‘नई मंजिल’ योजना के तहत ऐसे युवाओं को न सिर्फ पढ़ाया जाएगा बल्कि उन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। नौ महीने के प्रशिक्षण के दौरान इन्हें प्रति माह एक हजार रुपये छात्रवृत्ति दी जाएगी।
इस योजना में मुस्लिम युवाओं का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है। केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव अरविंद मायाराम ने यूपी के अफसरों से इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए कहा।
वे मंगलवार को लखनऊ आए थे। उन्होंने कहा कि ‘नई मंजिल’ योजना का मकसद 8वीं या फिर 10वीं कक्षा में फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ चुके युवाओं को रोजगार दिलाकर अपने पैरों पर खड़ा करना है।
इनके पास शिक्षा का कोई प्रमाण पत्र भी नहीं होता है। नतीजतन कॉलेज या अन्य किसी संस्था में भी इन्हें प्रवेश नहीं मिलता है। लिहाजा सरकार ने इस योजना के जरिये अल्पसंख्यक समुदाय के 18 से 35 साल के युवक-युवतियों को नौ माह का शैक्षणिक एवं कौशल प्रशिक्षण दिलाएगी। अभी यह योजना पटना में चल रही है। इसके जरिये अल्पसंख्यक युवाओं की मदद की जा सकती है।
अरविंद मायाराम ने बताया कि नौ महीेने की इस योजना के तहत पहले छह महीने युवाओं को पढ़ाया जाएगा। इन्हें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षण संस्थान के जरिये 10वीं या 12वीं का सर्टिफिकेट दिलाया जाएगा।
आखिरी के तीन महीने कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अपना रोजगार शुरू कर सकें। उन्होंने कहा कि यह योजना स्कूल से बाहर आए या बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुके सभी अल्पसंख्यक छात्रों और मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक नई दिशा और लक्ष्य प्रदान करेगी।
इन क्षेत्रों में मिलेगा प्रशिक्षण
•विनिर्माण,
•इंजीनियरिंग
•सेवाएं
•सरल कौशल
नई मंजिल एक अच्छी योजना है। केंद्र सरकार के सचिव से इसके बारे में विस्तार से बात हुई है। शीघ्र ही इस योजना का एक विस्तृत प्रस्ताव बनाकर केंद्र के पास भेजा जाएगा। सूबे में यह योजना जल्द ही शुरू करवा दी जाएगी।