पीएमओ ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय संकट के समय सरकार और सशस्त्र बलों के प्रति अपार समर्थन मिला। हमें विश्वास है कि प्रोपगैंडा के जरिए भारतीय लोगों की एकता को कम आंकने का प्रयास नहीं किया जाएगा।
भारत सरकार ने शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक पर बयान जारी किया है। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी किया कि कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा और न ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी बयान में साफ किया गया है कि चीन ने प्रयास तो किया लेकिन सैनिकों ने बलिदान देकर ढांचागत निर्माण और अतिक्रमण की कोशिशों को नाकाम कर दिया।
पीएमओ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों पर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है जब वीर सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।
पीएमओ ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की टिप्पणियां गलवान में 15 जून को हुई घटनाओं पर केंद्रित थीं जिसमें 20 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी। प्रधानमंत्री का स्पष्ट रुख है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने की किसी भी कोशिश का मजबूती से जवाब दिया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि ‘भारतीय क्षेत्र कितना है यह भारत के नक्शे से स्पष्ट है, जिसके प्रति यह सरकार दृढ़ता से संकल्पबद्ध है। कुछ अवैध कब्जे के बारे में सर्वदलीय बैठक में बड़े विस्तार से बताया गया कि पिछले 60 वर्षों में 43 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक जमीन पर किन परिस्थितियों में चीन द्वारा कब्जा किया गया है, जिससे यह देश अच्छी तरह से वाकिफ है। यह भी स्पष्ट किया गया कि यह सरकार एलएसी के एकतरफा परिवर्तन की अनुमति नहीं देगी।’
पीएमओ ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय संकट के समय सरकार और सशस्त्र बलों के प्रति अपार समर्थन मिला। हमें विश्वास है कि प्रोपगैंडा के जरिए भारतीय लोगों की एकता को कम आंकने का प्रयास नहीं किया जाएगा।
पीएम मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि न तो उन्होंने हमारी सीमा में घुसपैठ की है, न ही उनके द्वारा (चीन) कोई पोस्ट कब्जाया गया है।
पीएम के इस बयान के बाद विवाद शुरू हो गया था और इसे लेकर राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार की आलोचना की थी।