नई दिल्लीः देशभर में मॉब लिंचिंग के कई मामले सामने आए हैं। जिसमें 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस मुद्दे को विपक्ष ने संसद में उठाया। जिसपर जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इसका सारा दोष सोशल मीडिया पर मढ़ते हुए कहा कि इसके लिए सोशल मीडिया जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि हिंसा के लिए सोशल मीडिया पर आने वाली फेक न्यूज जिम्मेदार हैं और उन्होंने सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि पहले भी इस तरह की घटनाएं होती रहती थीं।
लोकसभा में मॉब लिंचिंग पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यह सच है कि देश के कई भागों में लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं, लेकिन लिंचिंग की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। जो घटनाएं हुई हैं, उनकी मैं निंदा करता हूं। जहां भी लिंचिंग की घटनाएं होती हैं, मैं उस राज्य के मुख्यमंत्री से बात करता हूं।’
राजनाथ सिंह के बयान को असंतुष्ट बताते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘मॉब लिंचिंग पर गृहमंत्री का बयान बिलकुल भी संतोषजनक नहीं था। इसी वजह से हमने सदन से वॉकआउट कर लिया। यह कोई खेल नहीं है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें अपनी जिम्मेदारियां एक-दूसरे पर डाल रही हैं।’
गृहमंत्री का बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब एक दिन पहले यानि बुधवार को ही कर्नाटक में एक शख्स की बच्चा चोर समझकर भीड़ ने पीटाई कर दी थी। यह घटना कर्नाटक के मांड्या के कृष्णाराजपेट तालुका में घटी थी। जहां एक शख्स की भीड़ ने बच्चा चोर के शक में पिटाई की थी। बाद में पता चला कि शख्स का पत्नी से तलाक हो चुका है और वह अपने बेटे से मिलने के लिए आया था। वह बेटे को अपने साथ चलने के लिए कह रहा था और बेटे ने उसकी विनती को मानने से इंकार कर दिया था।
वहीं पिछले साल रामगढ़ में एक मुस्लिम शख्स को भीड़ ने बीफ ले जाने के शक में पीट-पीटकर मार डाला था। जिसके आरोपियों को जब जमानत मिली तो वह केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा से मिलने के लिए उनके आवास पर गए थे। मंत्री ने उन्हें माला पहनाई थी। जिसका काफी विरोध हुआ था। आज इसी मुद्दे पर एक बार फिर हंगामा हुआ। संसद भवन में भाषण देने के लिए जैसे ही सिन्हा उठे विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।