बालाघाट(रहीम खान ) : मध्यप्रदेश के जिला बालाघाट पुलिस ने मोबाइल फ्राड के एक अंतराज्जीय नेटवर्क का खुलासा किया है। जिसमें पुलिस ने केन्द्र की जांच एंजेसी के साथ मिलकर 20 करोड़ से ज्यादा का फ्राड पकड़ा है। मामले में पुलिस ने 300 से ज्यादा मोबाइल, 10 लाख रूपये जप्त करने के साथ 8 आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस फ्राड में शामिल नगर मोबाइल विक्रेताओं के नाम भी पुलिस ने बताया है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इस प्रकरण में कड़ी दर कड़ी सब पर कार्यवाही की जायेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय भारत सरकार और मध्यप्रदेश पुलिस, झारखंड पुलिस, आंध्रप्रदेश पुलिस और कई राज्यों की पुलिस टीमों की वित्तिय फ्राड शाखा गृह मंत्रालय (एफ.सी.ओ.आर.डी.) द्वारा समन्वित कार्यवाही के दौरान एक बड़ा अंतर्राज्जीय साईबर धोखाधड़ी मेगा नेटवर्क का भंडाफोड किया गया है। इस नेटवर्क में 700 से अधिक आपरेटर थे। जो ओटीपी, धोखाधड़ी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, कामर्स धोखाधड़ी, फर्जी आई.डी, फर्जी मोबाइल नम्बर, फर्जी पते, कालाबाजारी कर चोरी, मनी लाॅड्रिंग, और आदतन चोरी के माल में लेनदेन में शामिल विभिन्न चरणों को चला रहे थे।
खुफिया इनपुट एम.ए.वाए. गृह मंत्रालय के साईबर सेल पोर्टाल द्वारा तैयार किया गया था। जिसमें यह जानकारी मिली कि एक मेगा नेटवर्क पूरे भारत में 18 से अधिक राज्यों में चल रहा है। आर्थिक अपराधों, साईबर अपराधों के खिलाफ अंतर्राज्जीय समन्वय के लिये माॅडल की स्थापना करते हुए देश की सभी कानून प्रवर्तन एंजेसियां एक साथ इन धोखेबाजों के वित्तिय ट्रेल्स को इकट्ठा करने और उनका विश्लेषण करने के लिये एक साथ आई। जिसका परिणाम स्वरूप अंततः धोखाधड़ी, कालाबाजारी, कर चोरी का पता चला और पूरे देश में 20 करोड़ रूपये से अधिक के मनीलाॅड्रिंग नेटवर्क का खुलासा हुआ।
अब तक इस नेटवर्क के 8 मुख्य संचालकों को बालाघाट (म.प्र.), रांची (झारखंड), सरायकेला (झारखंड), देवगढ (झारखंड), और चितूर (आंधप्रदेश) से गिरफ्तार किया गया है। जिससे भारत में फैला अंतर्राज्जीय मेगा धोखाधड़ी नेटवर्क का खुलासा हुआ। इस नेटवर्क में शामिल 700 से अधिक संदेही देश की विभिन्न कानून प्रवर्तन एंजेसियों के जांच के दायरे में है। अब तक की जांच के आधार पर निकट भविष्य में और अधिक गिरफ्तारियां और बरमदगी की जाना है। इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने के लिये अन्य एंजेसियों जैसे आयकर विभाग, ईडी से सम्पर्क किया जा रहा है।
उक्त साईबर अपराध की धरपकड हेतु अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं उप महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक बालाघाट के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालाघाट, एसडीओ पुलिस बैहर के कुशल मार्गदर्शन में बालाघाट जिले की सात पुलिस टीमों का गठन किया गया था।
उक्त संबंध में बालाघाट पुलिस द्वारा कोतवाली बालाघाट में अपराध क्रमांक 400/20-21 धारा 413, 419, 420, 467, 468 भा.द.वि. 66बी, 66डी, आई.टी.एक्ट का अपराध दर्ज कर अपराध में शामिल मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनसे भारी मात्रा में फर्जी तरीकें से फ्राड कर खरीदे गये मोबाइल फोन एवं फ्राड कर बेचे गये मोबाइल से प्राप्त धनराशि जप्त की गई है एवं अन्य आरोपियों के लिये विभिन्न राज्यों में टीम रवाना की गई है।
आरोपियों के धरपकड़, मोबाइल एवं नगद केश की जप्ती की कार्यवाही में निरीक्षक एम.आर. रोमडे, के.आर. वरकड़े, दीपक चैहान, विकास यादव, अवनीश पांडे, वीरेन्द्र मिश्रा, अमित भावसार, पंकज तिवारी, नरेश रावत, राजकुमार खटिक एवं कोतवाली पुलिस व साईबर स्टाफ की सराहनीय भूमिका रही।
इस फ्राड में नेटवर्क के मुख्य आरोपी इस प्रकार है। हुकुमसिंह बिसेन एवं मनोज राणा (बालाघाट मध्यप्रदेश) के साथ सुशांत अग्रवाल एवं प्रभात कुमार, विकास उर्फ नीतिन कुमार सिंह (रांची, सरायकेला झारखंड़), संजय मेहतो (देवघर झारखड़) हरि एवं श्रावण कुमार चितुर (आंध्रप्रदेश) शामिल है।
इस मामले में पुलिस ने 300 से अधिक मोबाइल फोन, 10 लाख से अधिक नगद, 30 से अधिक बैंक खाते फ्रीज, 75 से अधिक क्रेडिट कार्ड तथा 8 डिस्क, लेपटाॅप, टी.व्ही. व अन्य इलेक्ट्रानिक सामान जप्त किया। पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी के अनुसार मामले की विवेचना चल रही है। अपेक्षा की जाती है और अधिक चैकाने वाले फ्राड सामने आयेगें।