केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी करके विधायक सी रमेश की नागरिकता रद्द कर दी। गृह मंत्रालय के अनुसार रमेश के पास जर्मनी की भी नागरिकता है और उन्होंने साल 2009 में भारत की नागरिकता लेते समय जरूरी मानकों का पालन नहीं किया था।
रमेश तेलंगाना में सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायक होने के साथ ही महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव के भतीजे भी हैं। विद्यासागर राव अटल बिहारी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। रमेश के पिता सी राजेश्वर राव वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता थे और पांच बार विधायक रहे थे। राजेश्वर राव बाद में तेलुगु देशम पार्टी में शामिल हो गये थे। रमेश तेलंगाना के राजन्ना सिलिकिला जिले की वेमुलवाड़ा सीट से विधायक हैं।
रमेश ने हिंदुस्तान टाइम्स अखबार से खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें गृह मंत्रालय से इस बाबत सूचना मिली है और उन्हें मंत्रालय के सचिव से फैसले की समीक्षा की अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।
रमेश ने एचटी से कहा कि उन्होंने अपनी जर्मन नागरिकता त्याग दी थी क्योंकि न तो जर्मनी में और न ही भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान है। रमेश ने एचटी से कहा, “अगर मेरी भारतीय नागरिकता रद्द हो जाती है तो मैं कहाँ जाऊंगा?”
अगर गृह मंत्रालय रमेश की अपील के बाद भी उनकी नागरिकता रद्द करने का फैसला नहीं पलटता तो उनकी विधान सभा सदस्यता भी रद्द हो जाएगी। गृह मंत्रालय ने पिछले साल दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मामले की जांच की। इससे पहले हैदराबाद हाई कोर्ट ने रमेश की विधान सभा सदस्यता रद्द करने का आदेश दिया था जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
हाई कोर्ट में रमेश के निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेसी नेता आदि श्रीनिवास ने अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने रमेश के खिलाफ फैसला दिया था।