विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने पीएम नरेंद्र मोदी पर राम मंदिर निर्माण मामले में यू-टर्न लेने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा, विकास और हिंदुत्व दोनों ही मोर्चे पर मोदी सरकार फेल हो गई है और अब धर्मनिरपेक्ष चेहरा दिखाने के लिए अयोध्या में बाबरी मस्जिद निर्माण की साजिश रच रही है।
पूर्ण बहुमत आने पर कानून के माध्यम से मंदिर निर्माण के वादे की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि त्रेता युग में भगवान राम ने वचन पालन के लिए बनवास भोगा था, कलयुग में पीएम मोदी वचन भंग के कारण बनवास भोगेंगे।
वहीं विहिप के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हिंदुओं की लाश पर केंद्र की सत्ता में आई भाजपा ने विपक्ष में रहते लगातार बहुमत मिलने पर कानून के माध्यम से राम मंदिर निर्माण का वादा किया। अब सत्ता हासिल होने के बाद अदालत की आड़ ले रही है।
जहां तक अदालत के निर्णय की बात है तो वर्ष 1993 में राव सरकार ने अयोध्या भूमि अधिग्रहण बिल में मुकदमा हारने वाले को बची हुई 67 एकड़ भूमि देने का प्रावधान किया है। ऐसे में अगर फैसला हिंदुओं के हक में आया तो राम मंदिर सिर्फ 1100 वर्ग मीटर में जबकि बाबरी मस्जिद 67 एकड़ में बनेगी।
तोगड़िया ने पीएम मोदी की राम मंदिर के प्रति प्रतिबद्धता को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 1992 की ऐतिहासिक रथ यात्रा में भी मोदी ने खुद को गुजरात तक ही सीमित रखा।
सीएम और पीएम बनने के बावजूद अयोध्या दर्शन के लिए नहीं गए। शौचालय को देवालय से महान बताया। अब चार साल के कार्यकाल में राम मंदिर मुद्दे पर बात भी नहीं करना चाहते। तोगड़िया ने कहा कि अगर कानून बनाने से सरकार ने मुंह मोड़ा तो वह खुद इस सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे।