नई दिल्ली- नोटबंदी पर विरोधियों के निशाने पर आई मोदी सरकार ने अब इसके समर्थन में व्यापक अभियान छेड़ने का फैसला किया है। इसके लिए वित्त मंत्रालय ने नोटबंदी के फायदे से जुड़े एक-एक पहलू को रेखांकित करते हुए कुल 60 पन्नों का नोट सभी केन्द्रीय मंत्रियों को भेजा है।
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सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 दिसंबर को नोटबंदी पर देश को संबोधित कर सकते हैं। इस के बाद नए साल पर सभी केन्द्रीय मंत्रियों को कम से कम 10 जगहों पर रैली कर लोगों को नोटबंदी के फायदा गिनाने को कहा गया है।
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न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक चुनावी राज्यों खासकर उत्तर प्रदेश और पंजाब में केंद्रीय मंत्रियों को शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों को मिलाकर 10-10 जगहों पर रैली करने के निर्देश दिए गए हैं। इस अभियान के लिए मास मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने को कहा गया है। इसमें टीवी और रेडियो भी शामिल है।
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गौरतलब है कि 8 नवंबर को एक टेलीविजन संबोधन में, पीएम ने काला धन, भ्रष्टाचार और बेनामी नकदी को खत्म करने के उद्देश्य से 500 और 1,000 रुपए के नोटों को प्रतिबंधित कर दिया था। बैंक खातों में पुराने नोट जमा कराने की 50 दिनों की समय सीमा शुक्रवार (30 दिसंबर) को खत्म हो रही है। सूत्रों का कहना है कि मोदी नकदी बढ़ाने को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में बात कर सकते हैं, क्योंकि यह नोटबंदी के बाद सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी है।
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वह सरकार के इस कदम के बाद अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बात कर सकते हैं। नोटबंदी से बाजार में मौजूद 86 फीसदी नकदी एक झटके में बाहर कर दी गई थी जिसके बाद नकदी की भारी कमी देखने को मिल रही है।
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बैंकों और एटीएम के बाहर कैश के लिए लंबी-लंबी कतारों ने इस फैसले के परिणामों को लेकर विपक्ष को सवाल उठाने पर मजबूर किया। नोटबंदी के ऐलान के बाद भीड़ उमड़ी तो सरकार ने पेट्रोल पंपों और अन्य जगहों पर पुराने नोट इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। अपने नए आदेश में केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर पुराने प्रतिबंधित नोट (500, 1000 रुपए) को रखने तथा जमा कराने की सीमा तय कर दी है। इस अध्यादेश का नाम ‘द स्पेसिफाइड बैंक नोट्स सीजेशन ऑफ लायबिलिटीज ऑर्डिनेंस’ है। पुराने नोट रखने वालों को चार साल जेल का भी प्रावधान किया गया है। [एजेंसी]