एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार कानून बनाने पर विचार कर रही है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार शीतकालीन सत्र में तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए विधेयक पेश कर सकती है।
पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाते हुए सरकार को कानून बनाने की सलाह दी थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि विधेयक तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के लव जिहाद को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद केंद्र सरकार ने भी इसे खत्म करने के लिए तैयारी कर ली है। अब सरकार तीन तलाक के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार विधेयक पेश कर सकती है।
न्यूज एजेंसी एएनआइ के मुताबिक तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार कानून बनाने पर विचार कर रही है।
यह भी तय माना जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में तीन तलाक पर लगाम लगाने के लिए सरकार विधेयक पेश कर सकती है। बता दें कि एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को उचित कानून बनाने की सलाह दी थी।
तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस नजीर ने अल्पमत में दिए फैसले में कहा था कि तीन तलाक धार्मिक प्रैक्टिस है, इसलिए कोर्ट इसमें दखल नहीं देगा।
साथ ही उम्मीद जताई गई थी कि कानून बनाते समय दुनिया के अन्य मुस्लिम देशों में बने कानूनों और मुस्लिम पर्सनल लॉ और शरीयत की प्रगति को भी ध्यान में रखा जाएगा।
दोनों न्यायाधीशों ने राजनीतिक दलों से कहा है कि कानून पर विचार होते समय वे अपने राजनीतिक फायदों को एक किनारे रख कर कानून की दिशा में जरूरी उपाय करें।
उन्होंने कानून बनने तक एक बार में तीन तलाक देने पर रोक लगाई है। उन्होंने कहा था कि जब तक इस बारे में कानून बनता है, तब तक शौहर अपनी बीवियों को एक साथ तीन तलाक नहीं कहेंगे।
Modi government to bring bill in winter session to stop three divorces