नई दिल्ली – विज्ञान भवन में रविवार को आयोजित री-इन्वेस्ट 2015, रिन्यूएबल एनर्जी ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट ऐंड एक्सपो में भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊर्जा संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानव विकास में एनर्जी की भूमिका बहुत ही अहम है। भाषण के दौरान उन्होंने मुफ्त बिजली देने के चुनावी वादों पर चुटकी भी ली। मोदी ने कहा कि वे मुफ्त बिजली देने की घोषणा वे कर रहे हैं, जिनके पास अपनी बिजली नहीं है। उन्होंने कहा कि देश को बदलना है तो बदनामी भी सहनी होगी। इसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष माना जा रहा है।
ऊर्जा के सीमित संसाधन व आयात की ऊंची लागत के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि सौर व पवन ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों में इनोवेशन व शोध पर जोर दिया जाए। इससे प्रत्येक परिवार को उचित मूल्य पर बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
मोदी ने पहली अक्षय ऊर्जा वैश्विक निवेशक बैठक (री-इन्वेस्ट) को संबोधित करते हुए प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने के लिए प्रचुर मात्रा में सौर ऊर्जा संपन्न 50 राष्ट्रों का समूह बनाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास में ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, ‘हमें काम की गति बढ़ाने की जरूरत है और इसी के साथ विकास को नए स्तर पर पहुंचने की जरुरत है और इनमें से एक क्षेत्र ऊर्जा है।’
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने अनुभव को बताते हुए उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा का इस्तेमाल सिंचाई पंप चलाने व माइक्रो इरिगेशन के जरिए फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उस समय नहरों के ऊपर केवल सौर पैनल न केवल बिजली उत्पादन बल्कि जल वाष्पीकरण में 40 फीसद कमी के लिए भी लगाए गए थे।
उन्होंने कहा कि जब हम एनर्जी के बारे में बात करते हैं तो आमतौर पर मेगावॉट की बात करते हैं, लेकिन आज हम गीगावॉट के बारे में बात कर रहे हैं। यह बहुत ही अहम चीज है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम अक्षय ऊर्जा पर ध्यान सिर्फ नाम के लिए नहीं, बल्कि गरीबों के घरों तक रोशनी पहुंचाने के लिए कर रहे हैं जिससे उनके जीवन में बदलाव लाया जा सके। हमारे पास तालाब हैं, क्या हम इन पर सौर पैनल पर विचार कर सकते हैं। हमने इनोवेटिव आइडियाज सोचने होंगे।’
पीएम मोदी ने बताया कि सौर फोटोवोल्टिक सेल्स से बिजली की लागत 20 रुपये प्रति यूनिट से घटकर 7.50 रुपये प्रति यूनिट पर आ गई है। शोध और अनुसंधान से इसे और नीचे लाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सौर और पवन ऊर्जा के जरिए हाइब्रिड बिजली उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। इससे ट्रांसमिशन व बिजली निकासी की ढांचागत लागत में कमी आएगी। मोदी ने अक्षय ऊर्जा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण पर भी जोर दिया जिससे रोजगार का सृजन होगा।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण आज समय की जरूरत है। ‘जितनी ऊर्जा हम बचाएंगे, उतनी हम अगली पीढ़ियों के लिए बचा सकेंगे। ऊर्जा पीढ़ियों के लिए ‘बचाव करने वाली’ साबित हो सकती है।
अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में निशाना भी साधा, माना जा रहा है कि उन्होंने दिल्ली के नए सीएम केजरीवाल को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा, ‘मुफ्त में बिजली देने की घोषणा कौन करते हैं, जिनके पास बिजली नहीं है।’ उन्होंने कहा कि देश को बदलना है तो बदनामी सहनी होगी।