29 सितंबर 2015 को चिली की कांग्रेस में राष्ट्रीय योग दिवस को लेकर एक प्रस्ताव पर मतदान हुआ। जिसमें 83 सदस्यों ने राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के पक्ष में मतदान किया, जबकि 17 सदस्यों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था। इस दौरान विधेयक का समर्थन करते हुए चिली कानूनविदों ने कहा था ”योग को पूरे देश में फैलाना चाहिए। यह सभी उम्र के सामाजिक आर्थिक स्तर के बच्चों और वयस्कों के अभ्यास में आना चाहिए। यह एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक गतिविधि है, जो लोगों के व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों को बढ़ाने में सक्षम है।”
प्रतिनिधि सभा की मुहर के बाद भी प्रस्ताव को कानून बनने में काफी वक्त लग गया। साल 2020 में राष्ट्रीय योग दिवस को कानूनी अमली जामा पहनाने को लेकर एक बार फिर चिली की सीनेट सभा में सांसदों के बीच चर्चा हुई है। 21 दिसंबर 2020 को सभा ने चर्चा के बाद हर वर्ष 4 नवंबर को राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने की मंजूरी दे दी। चिली की प्रतिनिधि सभा ने 4 नवंबर को ही राष्ट्रीय योग दिवस इसलिए घोषित किया, क्योंकि इसी दिन 1962 में होज़े राफ़ाल एस्ट्राडा ने चिली में पहले योग केंद्र की स्थापना की थी। ऐसा करके सभा ने एस्ट्राडा को श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान चिली की एक सीनेटर कैरोलिना गोइक ने योग की तारीफ करते हुए कहा था कि ”भारत की पहचान योग, मन और शरीर को अनुशासन में रखने की एक विधा है। इसके जरिए आध्यात्मिकता के साथ-साथ शरीर और मानसिक एकाग्रता में महारत हासिल की जा सकती है।
शाश्वत तिवारी