अमेठी: कहते हैं कि भगवान के बाद दूसरा दर्जा मां का होता है लेकिन एक कलियुगी मां द्वारा ममता शब्द को तार-तार करते हुए अपने नवजात बच्चे को पुल ने नीचे फेकने का सनसनीखेज मामला सामने आया है
क्या है पूरा मामला-
अमेठी चौराहे के (मुसाफिरखाना रोड) के पास जानकारी के मुताबिक एक स्थानीय निवासी ने पुलिस को सूचना दी कि पुल के नीचे एक नवजात शिशु का शव पड़ा है। सूचना पाकर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चे का शव अपने कब्जे में ले लिया। कयास लगाया जा रहा है कि किसी कलियुगी निर्दयी मां ने अपना कुकृत्य छुपाने के चलते अपने कलेजे के टुकड़े को दिन दहाड़े पुल के नीचे फेंक दिया। अमेठी पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज करते हुए छानबीन शुरू कर दी है ।
अमेठी में नवजात शिशुओं के शव मिलने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी होना चिंताजनक ही माना जा सकता है किसी का जीवन समाप्त करने का हक भारत गणराज्य के कानून में किसी को भी नहीं दिया गया है। अपराधियों के लिए मौत की या फांसी की सजा इसमें अपवाद मानी जा सकती है नवजात शिशुओं को जन्म कहीं न कहीं तो दिया ही गया होगा! जिले की सीमा में अगर नवजात के शव मिल रहे हैं तो संभावना यह भी बलवती होती है कि उसे इसी जिले में इस धरती पर लाया गया होगा इसके लिए नर्सिंग होम्स या चिकित्सकों को कटघरे में खड़ा किया जा सकता है कहने को तो नर्सिंग होम्स में गर्भपात को अवैध बताने वाले बोर्ड चस्पा होते हैं बावजूद इसके इन नर्सिंग होम्स में धडल्ले से गर्भपात की खबरें आम हुआ करती हैं जनपद में ही अनेक जगहों पर अवैध गर्भपात की खबरें मिल जाती हैं दो तीन दशकों पहले गर्भपात के लिए एक कुछ नर्सिंग होम या संस्था का ही नाम जिले में सामने आता था मामला चाहे जो भी लेकिन आज विचारणीय प्रश्न यह है कि आखिर क्या वजह है कि नवजात शिशुओं के शव मिलने का सिलसिला थम ही नहीं पा रहा है।
रिपोर्ट@राम मिश्रा